जैसलमेर, 10 जुलाई (भाषा) जैसलमेर के बासनपीर गांव में छतरियों (स्मारकों) के पुनर्निर्माण के विरोध में समुदाय विशेष के लोगों ने बृहस्पतिवार को पथराव किया जिससे गांव में तनाव पैदा हो गया। पुलिस ने कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए अतिरिक्त बल तैनात किया है।
पुलिस ने बताया कि समुदाय विशेष के लोगों ने गांव के तालाब पर छतरियों के पुनर्निर्माण काम में लगे लोगों पर कथित तौर पर पथराव किया। इसके बाद 16 महिलाओं सहित 30 से अधिक लोगों को गिरफ्तार किया गया है।
पुलिस के अनुसार अचानक पथराव में आठ पुलिसकर्मी, एक तहसीलदार और कम से कम दो नागरिक घायल हो गए जिन्हें इलाज के लिए जैसलमेर जिला अस्पताल ले जाया गया।
जिला पुलिस अधीक्षक सुधीर चौधरी ने कहा, ‘सूचना मिलते ही अतिरिक्त पुलिस बल भेजा गया। स्थिति नियंत्रण में है। हमने अब तक लगभग 30 लोगों को गिरफ्तार किया है। पुलिस हिंसा में शामिल अन्य लोगों की पहचान कर रही है।” उन्होंने जनता से शांति बनाए रखने की अपील की।
इस ताजा तनाव ने गांव में 2019 से चले आ रहे लंबे विवाद को फिर से भड़का दिया है, जब असामाजिक तत्वों ने रियासतकालीन योद्धा रामचंद्र सोढ़ा एवं हदूद पालीवाल की स्मृति में निर्मित ऐतिहासिक छतरियों को ध्वस्त कर दिया था।
हालांकि गांव के बुज़ुर्गों और पुलिस ने हाल में पुनर्निर्माण की अनुमति देने के लिए मध्यस्थता की थी मगर काम शुरू होने पर तनाव व झड़प का माहौल बन गया।
एक ग्रामीण गणपत सिंह नोडियाला ने अधिकारियों पर निष्क्रियता का आरोप लगाया। उन्होंने कहा, ‘प्रशासन मौजूद था, लेकिन चुपचाप खड़ा रहा। दूसरे समुदाय ने महिलाओं और बच्चों को पथराव के लिए ढाल बना लिया।’
पुलिस ने बताया कि घटना की सूचना मिलते ही अतिरिक्त बल तैनात किया गया और मामला दर्ज कर लिया गया है। पुलिस अधिकारियों के मुताबिक, एहतियातन बासनपीर गांव में अतिरिक्त बल तैनात किया गया है तथा कानून-व्यवस्था की निगरानी के लिए उपखंड अधिकारी व तहसीलदार सहित वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी मौके पर मौजूद हैं।
वहीं जैसलमेर से विधायक छोटू सिंह भाटी ने कहा कि जैसलमेर के गौरव का अपमान बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
उन्होंने कहा “बासनपीर गांव में रियासतकालीन वीर योद्धाओं – रामचंद्र सोढ़ा एवं हदूद पालीवाल – की स्मृति में निर्मित ऐतिहासिक छतरियां हमारे गौरवशाली इतिहास, बलिदान और सांस्कृतिक विरासत की प्रतीक रही हैं।”
उन्होंने कहा कि दुर्भाग्यवश, वर्ष 2019 में कुछ असामाजिक तत्वों द्वारा इनको तोड़ दिया गया था।
विधायक ने ‘एक्स’ पर लिखा,’अब जब इनका पुनर्निर्माण कार्य प्रारंभ हुआ, तो पुनः कुछ कट्टरपंथी सोच के लोगों ने निर्माण में बाधा डालने का दुस्साहस किया। पत्थरबाजी कर न केवल कार्य को रोकने का प्रयास किया गया, बल्कि आम नागरिकों पर हमला कर कई लोगों को घायल किया गया। यह कृत्य निंदनीय, कायरता पूर्ण तथा सामाजिक सद्भाव को चोट पहुंचाने वाला है।’
उन्होंने कहा, “देश की सीमा से सटे जैसलमेर जैसे संवेदनशील क्षेत्र में इस प्रकार की घटनाएं बेहद चिंताजनक हैं। हम इसे केवल स्थानीय कानून-व्यवस्था की नहीं, बल्कि राष्ट्रीय सुरक्षा की दृष्टि से भी गंभीरता से ले रहे हैं।”
भाषा सं.पृथ्वी नोमान
नोमान