नयी दिल्ली, 10 जुलाई (भाषा) पेट्रोलियम मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने वियना में आयोजित नौवें ओपेक अंतरराष्ट्रीय सेमिनार के दौरान विभिन्न देशों के पेट्रोलियम मंत्रियों और कंपनियों के प्रमुखों से मुलाकात की और द्विपक्षीय मुद्दों पर चर्चा की। एक आधिकारिक बयान में यह कहा गया है।
बैठक में उन्होंने ऊर्जा क्षेत्र में विभिन्न स्तर पर भागीदारी को प्रगाढ़ बनाने के उपायों पर चर्चा की।
दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा तेल उपभोक्ता देश भारत अपनी कच्चे तेल की जरूरतों को पूरा करने के लिए 85 प्रतिशत से ज्यादा आयात पर निर्भर है। घरेलू उत्पादन अपर्याप्त होने के कारण बढ़ती ऊर्जा मांग को पूरा करने के लिए वह अपनी प्राकृतिक गैस की लगभग आधी जरूरतों का भी आयात करता है।
पुरी ने कुवैत के पेट्रोलियम मंत्री और कुवैत पेट्रोलियम कॉरपोरेशन (केपीसी) के चेयरमैन तारिक सुलेमान अल-रूमी से मुलाकात कर मौजूदा सहयोग को और मजबूत करने के उपायों पर चर्चा की।
कुवैत वर्तमान में कच्चे तेल का छठा सबसे बड़ा स्रोत, एलपीजी का चौथा सबसे बड़ा स्रोत और भारत का आठवां सबसे बड़ा हाइड्रोकार्बन व्यापार साझेदार है। यह साझेदारी महत्वपूर्ण द्विपक्षीय संबंधों और रणनीतिक महत्व को दर्शाती है।
एक अलग बैठक में, पुरी ने नाइजीरिया के पेट्रोलियम संसाधन राज्यमंत्री हेनेकेन लोकपोबिरी से मुलाकात की।
बयान में कहा गया, ‘‘भारतीय कंपनियां नाइजीरिया से कच्चे तेल की लगातार खरीदार रही हैं। दोनों देशों के बीच बातचीत हाइड्रोकार्बन व्यापार को और बढ़ाने और दीर्घकालिक साझेदारी को मजबूत करने के अवसरों की खोज पर केंद्रित रही।’’
मंत्री ने शेल के सीईओ वाएल सवान के साथ भी एक बैठक की। इसमें विशेष रूप से तेल और गैस खोज में संभावित सहयोग पर चर्चा की गई। सरकार नवीनतम बोली दौर में रिकॉर्ड क्षेत्रफल की पेशकश कर रही है, इस लिहाज से यह बैठक महत्वपूर्ण है।
बयान में कहा गया, ‘‘पुरी ने इस मौके पर कहा कि भारत अपने ऊर्जा मिश्रण में प्राकृतिक गैस की हिस्सेदारी छह प्रतिशत से बढ़ाकर 15 प्रतिशत करने का प्रयास कर रहा है, ऐसे में अत्याधुनिक प्रौद्योगिकी साझेदारी के लिए महत्वपूर्ण अवसर है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘खोज और उत्पादन (ईएंडपी) गतिविधियों को बढ़ाने की दिशा में आगे बढ़ने से शेल की अत्याधुनिक तकनीकों का लाभ मिलेगा। इससे भारत के ऊर्जा सुरक्षा उद्देश्यों को समर्थन देने वाले पारस्परिक रूप से लाभकारी सहयोग का रास्ता साफ होगा।’’
मंत्री ने ओपेक के महासचिव हैथम अल घैस से भी मुलाकात की। उन्होंने ओपेक के साथ भारत की मजबूत साझेदारी और यह सुनिश्चित करने के तरीकों पर चर्चा की कि तेल बाजार संतुलित और भरोसेमंद रहें। ताकि खासकर हाल की भू-राजनीतिक चुनौतियों के मद्देनजर हरित और वैकल्पिक ऊर्जा में सुचारू वैश्विक बदलाव को समर्थन मिल सके।
पुरी ने बीपी के सीईओ मरे औचिनक्लॉस के साथ अपनी बैठक में भारत के ऊर्जा क्षेत्र में इस वैश्विक दिग्गज की साझेदारी को मजबूत करने पर जारी बातचीत को आगे बढ़ाया।
बीपी का भारत में ऊर्जा मूल्य श्रृंखला के क्षेत्र में दीर्घकालिक और व्यापक जुड़ाव है और इसने पिछले बोली दौर में भी भाग लिया था।
पुरी ने विटोल समूह के सीईओ रसेल हार्डी से भी मुलाकात की और वैश्विक ऊर्जा बाजारों की मौजूदा चुनौतियों और हाइड्रोकार्बन मूल्य श्रृंखला में सहयोग पर चर्चा की।
भाषा रमण अजय
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