नयी दिल्ली, 10 जुलाई (भाषा) डीएमसी अधिनियम, 1957 के तहत कांवड़ यात्रा मार्गों पर मांस की दुकानों को बंद करने का कोई प्रावधान नहीं है। दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) ने बृहस्पतिवार को इसकी जानकारी दी।
एमसीडी ने संस्कृति एवं पर्यटन मंत्री कपिल मिश्रा के उस बयान के एक दिन बाद यह कहा है, जिसमें उन्होंने कहा था कि कांवड़ यात्रा मार्गों पर मांस की दुकानें बंद रहेंगी। मिश्रा ने कहा था कि यह निर्णय दिल्ली सरकार और एमसीडी ने लिया है।
वार्षिक कांवड़ यात्रा सावन के महीने में शुरू होती है। यह कल (शुक्रवार) से शुरू होकर 25 जुलाई को समाप्त होगी।
एमसीडी सदन में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में नगर निकाय ने कहा कि दिल्ली नगर निगम अधिनियम, 1957 के तहत कांवड़ यात्रा के मार्गों पर मांस की दुकानों को बंद करने का कोई प्रावधान नहीं है।
हालांकि, पिछले कुछ वर्षों में यह देखा गया है कि इन प्रतिष्ठानों के मालिक वार्षिक तीर्थयात्रा के दौरान स्वेच्छा से अपनी दुकानें बंद रखते हैं।
दिल्ली के महापौर राजा इकबाल सिंह ने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, ‘हम मांस की दुकान के मालिकों से अनुरोध करेंगे कि वे कांवड़ यात्रा से जुड़ी धार्मिक भावनाओं का सम्मान करते हुए स्वेच्छा से अपनी दुकानें बंद कर दें।’
उन्होंने फिर भी कहा, ‘जिनके पास वैध लाइसेंस नहीं हैं, उन्हें काम करने की अनुमति नहीं दी जाएगी। जो वैध हैं, उनसे हम केवल अनुरोध कर रहे हैं। यह समुदायों के बीच आपसी सम्मान की बात है।’
विभिन्न स्थानों पर 25 कांवड़ शिविर स्थापित किए गए हैं।
इस बीच ‘मीट शॉप एसोसिएशन’ के एक सदस्य ने ‘पीटीआई भाषा’ को बताया कि सरकार को व्यापार को त्योहारों से नहीं जोड़ना चाहिए।
भाषा
शुभम रंजन
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