बेंगलुरु, 10 जुलाई (भाषा) संचार मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने बृहस्पतिवार को कहा कि भारत पहली बार वैश्विक दूरसंचार मानकों को निर्धारित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है।
उन्होंने कहा कि यह बदलाव अनुसंधान, आत्मनिर्भरता, ‘मेक इन इंडिया’ और ‘मेक फॉर द वर्ल्ड’ जैसे राष्ट्रीय प्रयासों का नतीजा है।
बेंगलुरु के एक-दिवसीय दौरे पर आए सिंधिया ने ‘भारत 6जी अलायंस’ के सदस्यों से मुलाकात की और शोधकर्ताओं, उद्योग जगत के प्रमुखों और वैश्विक साझेदारों को संबोधित करते हुए अगली पीढ़ी की 6जी प्रौद्योगिकी में भारत के नेतृत्व के लिए एक व्यापक रूपरेखा पेश की।
संचार मंत्री ने कहा, ‘‘इतिहास में पहली बार, भारत वैश्विक दूरसंचार मानकों के निर्धारण में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। यह बदलाव अनुसंधान, आत्मनिर्भरता, मेक इन इंडिया और मेक फॉर द वर्ल्ड पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के दृष्टिकोण का परिणाम है।’’
एक आधिकारिक बयान के मुताबिक, सिंधिया ने कहा, ‘‘भारत का लक्ष्य वैश्विक 6जी पेटेंट में 10 प्रतिशत का योगदान देना है, जिसे 111 परियोजनाओं के लिए 239 करोड़ रुपये के शोध एवं विकास वित्तपोषण से मदद मिलेगी।’’
उन्होंने कि अब 99 प्रतिशत मोबाइल फोन घरेलू स्तर पर बनाए जाते हैं और देश ने दूरसंचार उपकरणों में 60 प्रतिशत आयात प्रतिस्थापन हासिल कर लिया है।
उन्होंने कहा कि 4जी और 5जी प्रौद्योगिकी प्रणालियों के स्वदेशी विकास ने भारत को दूरसंचार नवोन्मेष में अग्रणी बना दिया है।
सिंधिया ने कहा, ‘‘80 से ज्यादा सदस्यों और सात विशेषज्ञ कार्य समूहों वाला ‘भारत 6जी अलायंस’ नवोन्मेष और अंतरराष्ट्रीय सहयोग के एक मंच के रूप में उभरा है।’’
उन्होंने एक संवाद सत्र में सभी पक्षों से 6जी मिशन की जिम्मेदारी लेने का आग्रह किया।
भाषा रमण प्रेम
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