नयी दिल्ली, 10 जुलाई (भाषा) राष्ट्रीय राजधानी के विकासपुरी में हिमांशु उर्फ भाऊ गिरोह के एक करीबी सहयोगी ने दिल्ली पुलिस के एक हेड कांस्टेबल को फोन कॉल कर 10 करोड़ रुपये की रंगदारी मांगी। एक अधिकारी ने बृहस्पतिवार को यह जानकारी दी।
एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि पश्चिमी दिल्ली में तैनात हेड कांस्टेबल को दो बार फोन कॉल आई, जिसके बाद आठ जुलाई को विकासपुरी पुलिस थाने में धारा 308 (4) (जबरन वसूली) के तहत मामला दर्ज किया गया।
सूत्रों के अनुसार, यह फोन कॉल हिमांशु के करीबी सहयोगी साहिल रिटोली ने की थी, जिसमें पुलिसकर्मी को धमकी दी गई थी कि अगर उसने उनकी मांगें नहीं मानीं, तो वह और उसका परिवार खतरे में पड़ जाएगा।
हेड कांस्टेबल कथित तौर पर मंजीत अहलावत उर्फ डीघल का दोस्त था। मंजीत की दिसंबर 2024 में रोहतक में एक शादी के दौरान हत्या कर दी गई थी, क्योंकि उसने भाऊ गिरोह को रंगदारी देने से इनकार कर दिया था। वित्त क्षेत्र में काम करने से पहले मंजीत दिल्ली पुलिस में कांस्टेबल थे।
सूत्र ने बताया, ‘‘फोन कॉल के दौरान हेड कांस्टेबल ने कथित तौर पर खुद को दिल्ली पुलिस का जवान बताया, जिसके बाद रिटोली ने 10 करोड़ रुपये की मांग की।’’
शुरुआत में शिकायत दर्ज कराई गई, लेकिन मामला दर्ज नहीं किया गया। घटना की खबर फैलते ही वरिष्ठ अधिकारियों ने मामले की जांच की, जिसके बाद आठ जुलाई को आधिकारिक तौर पर मामला दर्ज किया गया और अभी जांच जारी है।
पुलिस हेड कांस्टेबल से संपर्क करने के लिए इस्तेमाल किए गए नंबर का पता लगाने का प्रयास कर रही है और खतरे की गंभीरता को देखते हुए उसे सुरक्षा प्रदान करने पर विचार कर रही है।
हरियाणा पुलिस के प्रवक्ता ने बताया कि हिमांशु रोहतक, झज्जर और दिल्ली पुलिस की अति वांछित अपराधियों की सूची में शामिल है।
इंटरपोल ने सभी सदस्य देशों को एक ‘रेड नोटिस’ जारी किया है, जिसमें कहा गया है कि यदि भाऊ उनके अधिकार क्षेत्र में पाया जाता है तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जाए।
पुलिस ने बताया कि हिमांशु, जो नीरज बवाना और नवीन बाली गिरोह से कथित तौर पर जुड़ा है, ने धोखाधड़ी से पासपोर्ट हासिल किया, पहचान संबंधी जाली दस्तावेज बनाए और देश से भाग गया।
दिल्ली पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि पुर्तगाल में हिमांशु अभी भी जबरन वसूली का रैकेट कथित तौर पर चला रहा है।
भाषा
देवेंद्र वैभव
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