30.3 C
Jaipur
Friday, July 11, 2025

ईओडब्ल्यू की कार्रवाई : वित्तीय धोखाधड़ी के दो बड़े मामलों में शामिल प्रमुख अभियुक्त गिरफ्तार

Newsईओडब्ल्यू की कार्रवाई : वित्तीय धोखाधड़ी के दो बड़े मामलों में शामिल प्रमुख अभियुक्त गिरफ्तार

लखनऊ, 10 जुलाई (भाषा) उत्तर प्रदेश पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा (ईओडब्ल्यू) ने वित्तीय धोखाधड़ी के दो बड़े मामलों में शामिल प्रमुख अभियुक्तों को गिरफ्तार किया है।

ईओडब्ल्यू की महानिदेशक नीरा रावत ने बताया कि ईओडब्ल्यू टीम ने पंजाब के रोपड़ जिले से पर्ल्स एग्रोटेक कॉर्पोरेशन लिमिटेड (पीएसीएल) के संचालक गुरनाम सिंह को गिरफ्तार किया है।

रावत का कहना है कि गुरवंत एग्रोटेक लिमिटेड के नाम से जानी जाने वाली कम्पनी पीएसीएल राजस्थान के जयपुर में पंजीकृत थी और बाद में इसका नाम बदल दिया गया। कंपनी ने कथित तौर पर उत्तर प्रदेश समेत 10 भारतीय राज्यों में शाखाएं खोलीं थीं और एनबीएफसी पंजीकरण प्राप्त किए बिना बैंकिंग का काम शुरू कर दिया।

महानिदेशक ने कहा, ‘‘कंपनी पर उत्तर प्रदेश के महोबा, सुल्तानपुर, फर्रुखाबाद और जालौन समेत कई जिलों के निवेशकों से सावधि जमा और आवर्ती जमा के बदले भूखंड देने का वादा कर लगभग 49,000 करोड़ रुपये ठगने का आरोप है।’’

रावत के अनुसार उत्तर प्रदेश सरकार ने जालौन ज़िले में पीएसीएल कंपनी की शाखा की जांच ईओडब्ल्यू को सौंपी थी। सत्यापन के बाद कानपुर के ईओडब्ल्यू थाने में भारतीय दंड विधान की संबंधित धाराओं के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई थी।

महानिदेशक का कहना है कि इस मामले में गुरनाम सिंह समेत 10 नामजद आरोपी शामिल थे। चार अन्य आरोपी पहले ही गिरफ्तार हो चुके हैं और वर्तमान में तिहाड़ जेल में बंद हैं। ईओडब्ल्यू टीम ने नौ जुलाई को गुरनाम सिंह को गिरफ्तार किया था। बाकी आरोपियों की गिरफ्तारी के प्रयास जारी हैं।

रावत ने बताया कि एक अन्य महत्वपूर्ण घटनाक्रम में ईओडब्ल्यू ने वी-केयर मल्टीट्रेड प्राइवेट लिमिटेड द्वारा की गई 250 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी के सिलसिले में एक फरार आरोपी प्रेम प्रकाश सिंह को गिरफ्तार किया है।

महानिदेशक का कहना है कि ‘वी-केयर मल्टीट्रेड प्राइवेट लिमिटेड’ को कंपनी अधिनियम, 1956 के तहत दिल्ली -एनसीआर और हरियाणा में 2008-09 में पंजीकृत किया गया था। कंपनी ने लखनऊ के कृष्णानगर में अपना क्षेत्रीय कार्यालय खोला और कथित तौर पर ग्राहकों को ‘वी-केयर मल्टीट्रेड प्राइवेट लिमिटेड’ के माध्यम से ‘रिलायंस लाइफ इंश्योरेंस कंपनी’, ‘फ्यूचर जनरली लाइफ इंश्योरेंस’ और ‘एगॉन लाइफ इंश्योरेंस’ से पॉलिसी खरीदने पर बड़े इनामों का लालच दिया।

रावत ने कहा, ‘‘कंपनी पर इन पॉलिसियों के ज़रिए लगभग 250 करोड़ रुपये इकट्ठा करने और फिर निवेशित धनराशि का गबन करने एवं कार्यालय बंद कर फरार होने का आरोप है। लखनऊ के कृष्णानगर और आशियाना थानों में कंपनी के ख़िलाफ़ कुल 26 मामले दर्ज किए गए थे। उत्तर प्रदेश सरकार के नवंबर, 2015 के आदेश पर इन मामलों की जांच ईओडब्ल्यू लखनऊ को सौंपी गई थी।’’

उनका कहना है कि जांच के दौरान ईओडब्ल्यू ने कुल 23 नामजद/पहचाने गए आरोपियों को दोषी पाया। इनमें से 19 आरोपियों को पहले ही गिरफ्तार कर लिया गया था और उनके ख़िलाफ़ आरोप पत्र दाखिल किए जा चुके थे। एक आरोपी की मृत्यु हो चुकी है। शेष तीन फरार आरोपियों में से प्रेम प्रकाश सिंह को ईओडब्ल्यू ने नौ जुलाई को कोलकाता से गिरफ्तार किया था। शेष दो आरोपियों की गिरफ्तारी के प्रयास जारी हैं।

भाषा सलीम वैभव राजकुमार

राजकुमार

Check out our other content

Check out other tags:

Most Popular Articles