कोलकाता, 11 जुलाई (भाषा) कलकत्ता उच्च न्यायालय ने बीरभूम जिले के पुलिस अधीक्षक को शुक्रवार को निर्देश दिया कि वह 14 जुलाई को राष्ट्रीय महिला आयोग (एनसीडब्ल्यू) के समक्ष ऑनलाइन तरीके से पेश हों।
अदालत ने यह निर्देश तृणमूल कांग्रेस नेता अनुब्रत मंडल द्वारा एक पुलिस अधिकारी के साथ टेलीफोन पर बातचीत में कथित तौर पर आपत्तिजनक भाषा का इस्तेमाल करने के संबंध में दिया गया है।
एनसीडब्ल्यू द्वारा एसपी को जारी समन को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई करते हुए न्यायमूर्ति तीर्थंकर घोष की पीठ ने निर्देश दिया कि आयोग द्वारा मांगे गए सभी दस्तावेज ऑनलाइन माध्यम से भेजे जाएं।
अदालत ने निर्देश दिया कि इसके बाद एनसीडब्ल्यू एक तारीख तय कर सकता है, जब एसपी द्वारा नामित अधिकारी आवश्यक प्रश्नों के उत्तर देने के लिए आयोग के समक्ष उपस्थित होगा।
न्यायमूर्ति घोष ने निर्देश दिया कि एसपी की दलीलों के उत्तर में एनसीडब्ल्यू द्वारा 25 जुलाई तक हलफनामा दायर किया जाए और याचिकाकर्ता द्वारा एक अगस्त तक प्रत्युत्तर दाखिल किया जाए।
पीठ ने निर्देश दिया कि इस मामले की सुनवाई आठ अगस्त को दोबारा की जाएगी।
एनसीडब्ल्यू की ओर से पेश हुए उप सॉलिसिटर जनरल राजदीप मजूमदार ने दलील दी कि आयोग कानून के तहत जांच करने के लिए अधिकृत है।
बीरभूम के एसपी ने एक पुलिस अधिकारी के साथ टेलीफोन पर हुई बातचीत में तृणमूल नेता अनुब्रत मंडल की कथित आपत्तिजनक भाषा की जांच के संबंध में एनसीडब्ल्यू द्वारा उन्हें जारी समन को चुनौती देते हुए अदालत का रुख किया था।
एनसीडब्ल्यू ने 14 जुलाई को बीरभूम के एसपी को आयोग के समक्ष व्यक्तिगत रूप से उपस्थित होने का निर्देश दिया था।
बोलपुर पुलिस थाने के प्रभारी अधिकारी के साथ टेलीफोन पर बातचीत के दौरान कथित तौर पर अपमानजनक भाषा का इस्तेमाल करने के संबंध में मंडल के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) की विभिन्न धाराओं के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई है।
एनसीडब्ल्यू ने इससे पहले कथित घटना के संबंध में एसपी द्वारा दायर की गई कार्रवाई रिपोर्ट पर असंतोष व्यक्त किया था।
भाषा धीरज वैभव
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