नयी दिल्ली, 11 जुलाई (भाषा) शुद्ध प्रत्यक्ष कर संग्रह चालू वित्त वर्ष में 10 जुलाई तक 1.34 प्रतिशत घटकर लगभग 5.63 लाख करोड़ रुपये रहा। मुख्य रूप से अधिक ‘रिफंड’ के कारण कर संग्रह कम हुआ है। शुक्रवार को जारी सरकारी आंकड़ों से यह जानकारी मिली।
शुद्ध कंपनी कर संग्रह लगभग दो लाख करोड़ रुपये रहा, जबकि गैर-कंपनी कर (जिसमें व्यक्तिगत, एचयूएफ और फर्म शामिल हैं) 3.45 लाख करोड़ रुपये रहा। एक अप्रैल से 10 जुलाई के बीच प्रतिभूति लेनदेन कर संग्रह 17,874 करोड़ रुपये रहा।
इस दौरान देश का कुल शुद्ध संग्रह 5.63 लाख करोड़ रुपये रहा, जो पिछले वर्ष की समान अवधि के 5.70 लाख करोड़ रुपये से 1.34 प्रतिशत कम है।
चालू वित्त वर्ष (2025-26) में अब तक जारी किए गए शुद्ध रिफंड 38 प्रतिशत बढ़कर 1.02 लाख करोड़ रुपये हो गए।
एक अप्रैल से 10 जुलाई तक सकल संग्रह (रिफंड से पहले) 6.65 लाख करोड़ रुपये रहा, जो पिछले वर्ष की समान अवधि के 6.44 लाख करोड़ रुपये से 3.17 प्रतिशत अधिक है।
चालू वित्त वर्ष में, सरकार ने प्रत्यक्ष कर संग्रह 25.20 लाख करोड़ रुपये रहने का अनुमान लगाया है, जो पिछले साल की तुलना में 12.7 प्रतिशत अधिक है। सरकार का लक्ष्य चालू वित्त वर्ष में प्रतिभूति लेनदेन कर (एसटीटी) से 78,000 करोड़ रुपये जुटाने का लक्ष्य है।
भाषा अनुराग रमण
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