(फोटो के साथ)
चेन्नई, 11 जुलाई (भाषा) राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल ने शुक्रवार को यहां कहा कि भारत ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत पाकिस्तान में सटीकता से हमला कर नौ आतंकवादी ठिकानों को ध्वस्त कर दिया। उन्होंने विदेशी मीडिया को चुनौती दी कि वह ऐसे किसी भी भारतीय ढांचे की एक भी तस्वीर दिखाए, जिसमें कोई नुकसान हुआ हो, एक कांच तक टूटा हो।
डोभाल ने आईआईटी मद्रास के 62वें दीक्षांत समारोह में कहा कि छह-सात मई की सैन्य कार्रवाई के दौरान पाकिस्तान में एक भी निशाना नहीं चूका।
यह कार्रवाई 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले के जवाब में की गई थी। पहलगाम में हुए हमले में 26 लोग मारे गए थे।
उन्होंने कहा, ‘‘यहां सिंदूर का उल्लेख किया गया। हमें इस बात पर गर्व है कि इसमें कितनी स्वदेशी सामग्री थी। हमने नौ आतंकवादी ठिकानों पर निशाना साधा, ये सीमावर्ती क्षेत्रों में नहीं, बल्कि पाकिस्तान के अंदरूनी इलाकों में थे और हम एक में भी नहीं चूके। हमने इनके अलावा कहीं और निशाना नहीं लगाया। यह इतना सटीक था कि हमें पता था कि कौन कहां है। रात एक बजकर पांच मिनट पर शुरू हुआ पूरा ऑपरेशन 23 मिनट तक चला।’’
विदेशी मीडिया की आलोचना करते हुए डोभाल ने विशेष रूप से ‘न्यूयॉर्क टाइम्स’ का नाम लेते हुए कहा, ‘‘उन्होंने (अंतरराष्ट्रीय मीडिया ने) ये बातें लिखीं और प्रकाशित कीं। तस्वीरों में 10 मई से पहले और बाद में पाकिस्तान के केवल 13 एयरबेस ही दिखाई दे रहे थे, चाहे वे सरगोधा, रहीम यार खान, चकलाला या रावलपिंडी में हों। लेकिन इन तस्वीरों में केवल भारतीय वायुसेना द्वारा पाकिस्तान के ठिकानों पर पहुंचाई गई क्षति ही दिखाई गई।’’
उन्होंने कहा, ‘‘आप मुझे एक तस्वीर बताइए जिसमें किसी भारतीय ढांचे को कोई नुकसान हुआ हो, यहां तक कि एक कांच भी टूटा हो।’’
छात्रों को संबोधित करते हुए डोभाल ने कहा कि प्रौद्योगिकी और युद्ध के बीच अहम संबंध है और देश को अपनी जरूरतों को पूरा करने के लिए स्वदेशी प्रौद्योगिकी विकसित करनी चाहिए।
इससे पहले, पद्म विभूषण से सम्मानित और प्रख्यात नृत्यांगना पद्मा सुब्रह्मण्यम ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ की सफलता के लिए डोभाल को बधाई दी।
इस मौके पर राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार ने कहा, ‘‘मुझे इस पर (ऑपरेशन सिंदूर पर) गर्व है। ’’
उन्होंने कहा,‘‘ हमें इस बात पर गर्व है कि हमारी कुछ बेहतरीन प्रणालियों ने काम किया, चाहे वह ब्रह्मोस (मिसाइल) हो, एकीकृत हवाई नियंत्रण और कमान प्रणाली हो या युद्धक्षेत्र निगरानी हो। हमने नौ आतंकवादी ठिकानों पर निशाना साधा, ये सीमावर्ती क्षेत्रों में नहीं, बल्कि पाकिस्तान के अंदरूनी इलाकों में थे और हम एक भी नहीं चूके।’’
इससे पहले, दीक्षांत समारोह को संबोधित करते हुए पद्मा सुब्रह्मण्यम ने डोभाल की भूमिका के लिए उन्हें बधाई देते हुए कहा, ‘‘एक गौरवान्वित भारतीय के रूप में मैंने हमेशा हमारे जवानों को सलाम किया है, जो हमारे राष्ट्रीय रक्षक देवदूत हैं।’’
डोभाल ने कहा कि देश प्रौद्योगिकी की लड़ाई में हारकर दूसरों से पीछे रहने या दशकों पीछे रह जाने का जोखिम नहीं उठा सकता।
उन्होंने ढाई साल में 5जी विकसित करने में आईआईटी मद्रास और निजी क्षेत्र की भूमिका का उल्लेख किया, जबकि चीन को 5जी प्रौद्योगिकी विकसित करने में 12 साल से अधिक का समय लगा और उसने 300 अरब डॉलर खर्च किए।
डोभाल ने कहा, ‘‘यहां तक कि डेटा या सुरक्षा से संबंधित एक कील भी विश्वसनीय स्रोत से ही आनी चाहिए। यह या तो भारत में बनी हो या ऐसे किसी ने बनाई हो जो भारत का बहुत करीबी हो।’’
संस्थान के अनुसार इस अवसर पर कुल 3,227 छात्रों ने स्नातक उपाधि प्राप्त की। इस अवसर पर छात्रों को 3,661 डिग्रियां (संयुक्त और दोहरी डिग्रियां सहित) प्रदान की गईं। संस्थान ने बताया कि कुल 529 पीएचडी उपाधियां प्रदान की गईं।
भाषा
देवेंद्र वैभव
वैभव