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नयी दिल्ली, 11 जुलाई (भाषा) केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने शुक्रवार को यमुना पुनरुद्धार पर एक उच्च-स्तरीय समीक्षा बैठक की अध्यक्षता की जहां उन्होंने नदी की सफाई और जल-मल शोधन संयंत्र (एसटीपी) की क्षमता बढ़ाने की आवश्यकता पर बल दिया।
एक आधिकारिक बयान के अनुसार, शाह ने दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति (डीपीसीसी) को जल प्रदूषण पर अंकुश लगाने के लिए तत्परता के साथ काम करने का निर्देश दिया।
उन्होंने यह भी कहा कि दिल्ली सरकार को बढ़ते औद्योगिक प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए निरंतर और प्रभावी कदम उठाने चाहिए।
उन्होंने कहा कि दिल्ली के अलावा अन्य राज्यों से भी रासायनिक कचरा यमुना में बहता है। उन्होंने नदी की सफाई के लिए सभी राज्यों से संयुक्त प्रयास करने का आह्वान किया।
बैठक में केंद्रीय आवास और शहरी मामलों के मंत्री मनोहर लाल, केंद्रीय जल शक्ति मंत्री सी. आर. पाटिल, दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता, केंद्रीय गृह सचिव और संबंधित मंत्रालयों और दिल्ली सरकार के सचिवों और वरिष्ठ अधिकारियों ने भाग लिया।
गृह मंत्री ने नजफगढ़ और शाहदरा के मुख्य नालों में ‘बायोकेमिकल ऑक्सीजन डिमांड’ (बीओडी) में सुधार की आवश्यकता को रेखांकित किया और दोनों नालों का ड्रोन सर्वेक्षण कराने पर जोर दिया।
उन्होंने कहा कि नदी की सफाई के लिए दिल्ली सरकार द्वारा किए जा रहे प्रयासों के अलावा, राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन (एनएमसीजी) का बजट बढ़ाने की भी आवश्यकता है।
शाह ने यमुना की सफाई और 2028 तक एसटीपी की क्षमता बढ़ाकर 1,500 एमजीडी करने पर विशेष जोर दिया।
उन्होंने कहा कि हरियाणा, दिल्ली और उत्तर प्रदेश को मिलकर नदी की सेहत सुधारने के प्रयास करने चाहिए।
उन्होंने कहा कि एसटीपी से निकलने वाले पानी की जांच में नियमितता और पारदर्शिता होनी चाहिए और एसटीपी से निकलने वाले पानी की गुणवत्ता की जांच किसी तीसरे पक्ष से करानी चाहिए।
गृह मंत्री ने कहा कि दिल्ली में कई जलाशय हैं और शहर सरकार को वर्षा जल संग्रहण के लिए इनका उपयोग करने की व्यवस्था करनी चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि इन जलाशयों के विकास से पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा।
उन्होंने कहा कि दिल्ली सरकार को डेयरियों और गौशालाओं से निकलने वाले अपशिष्ट के प्रबंधन के लिए राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड (एनडीडीबी) के साथ मिलकर काम करना चाहिए। उन्होंने निर्देश दिया कि राष्ट्रीय राजधानी में अनधिकृत डेयरियों के प्रबंधन के लिए कदम उठाए जाएं।
शाह ने इस बात पर प्रकाश डाला कि यमुना में जल-प्रवाह बढ़ाना अत्यंत महत्वपूर्ण है और कहा कि इस मुद्दे पर उत्तर प्रदेश सरकार से बात करने और समाधान खोजने की आवश्यकता है ताकि दिल्ली में प्रवेश के समय नदी के प्रवाह में सुधार किया जा सके।
उन्होंने कहा कि ओखला एसटीपी के उपचारित पानी को यमुना नदी में छोड़ा जाना चाहिए, जिससे नदी के पानी की गुणवत्ता में सुधार होगा।
गृह मंत्री ने कहा कि दिल्ली में जलापूर्ति के संबंध में एक विस्तृत सर्वेक्षण किया जाना चाहिए, ताकि यह पता लगाया जा सके कि शहर के लोगों की जरूरतों को पूरा करने के लिए कितने पानी की आवश्यकता है।
उन्होंने कहा कि बोरवेल के जरिये अनियंत्रित जल निकासी दिल्ली में एक बड़ी समस्या है, जिस पर दिल्ली जल बोर्ड को एक कार्य योजना बनाकर काम करने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि इन बोरवेल को चरणबद्ध तरीके से नियमित किया जाना चाहिए।
भाषा संतोष माधव
माधव