नयी दिल्ली, 11 जुलाई (भाषा) राष्ट्रीय राजधानी में अपहरण और फिरौती के मामले के मुख्य साजिशकर्ता रहे एक व्यक्ति को आखिरकार 25 साल बाद गिरफ्तार कर लिया गया है। वह इस घटना के बाद से फरार हो गया था और उसका कुछ पता नहीं चल पा रहा था, लेकिन कई सालों बाद वह नई पहचान के साथ मुंबई में एक व्यवसायी के रूप में सामने आया। पुलिस ने शुक्रवार को यह जानकारी दी।
पुलिस ने बताया कि आरोपी सुनीत अग्रवाल (46) अलग-अलग नाम बदलकर मुंबई में रह रहा था और उसे 2000 में कोतवाली पुलिस थाने में दर्ज फिरौती के लिए अपहरण के एक मामले में 2004 में भगोड़ा घोषित कर दिया गया था।
पुलिस उपायुक्त (अपराध शाखा) संजीव कुमार यादव ने बताया, ‘‘अग्रवाल मुंबई में नकली गहनों का अपना व्यवसाय चला रहा था। अपराध की कोई समाप्ति तिथि नहीं होती और कानून अपराधियों को कभी नहीं भूलता।’’
अधिकारी ने बताया कि दिल्ली पुलिस की अपराध शाखा की एक टीम ने उसे चार जुलाई को मुंबई के मलाड इलाके से गिरफ्तार किया।
पुलिस ने बताया कि वर्ष 2000 में दर्ज मामले में जमानत मिलने के बाद अग्रवाल ने अपना अतीत पूरी तरह से भुला दिया था। वह दिल्ली से बाहर चला गया था।उसने अपने पुराने नेटवर्क से नाता तोड़ लिया और मुंबई में धीरे-धीरे एक नई पहचान बनाकर एक नई ज़िंदगी शुरू की।
पुलिस के अनुसार, सालों तक इसी क्षेत्र में काम करने के बाद उसने 2004 में शादी भी की और नकली आभूषणों के व्यापार में अपना खुद का व्यवसाय शुरू किया। इस दौरान वह लगातार अपना पता बदलकर और किसी भी डिजिटल या सोशल मीडिया पर अपनी उपस्थिति दर्ज कराकर कानून से बचता रहा।
डीसीपी ने कहा, ‘‘वह महाराष्ट्र में लगभग हर छह महीने में अपना स्थान बदलता रहता था, अलग-अलग मोबाइल नंबर का इस्तेमाल करता था और यहां तक कि पड़ोसियों एवं रिश्तेदारों से भी दूर रहता था।’’
उन्होंने बताया कि वह अपने परिवार से भी बहुत कम संपर्क रखता था।
पुलिस ने बताया कि उसे पकड़ने में सफलता तब मिली जब टीम को मुंबई में अग्रवाल के हुलिए से मिलते-जुलते एक व्यक्ति की मौजूदगी के बारे में सूचना मिली।
उसने बताया कि एक टीम भेजी गई और आरोपी को मलाड स्थित उसके व्यावसायिक परिसर से ढूंढकर पकड़ लिया गया।
भाषा प्रीति रंजन
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