(फाइल फोटो के साथ)
शिलॉंग, 12 जुलाई (भाषा) केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शनिवार को विशेष रूप से मेघालय जैसे क्षेत्रों में विकास की आकांक्षाओं के साथ पारिस्थितिकी के संरक्षण को संतुलित करने की आवश्यकता को रेखांकित किया।
उन्होंने यहां एक संवाद सत्र में स्वीकार किया कि जलवायु संकट इस हद तक बढ़ गया है कि सर्वोत्तम मौसम विज्ञान उपकरण भी मौसम का सटीक पूर्वानुमान नहीं कर सकते।
वित्त मंत्री ने कहा, ‘‘मौसमी घटनाएं आम बात हो गई हैं। अचानक बाढ़ आना, और पहले कई महीनों तक होने वाली बारिश अब एक ही दिन में हो रही है, जिससे जान-माल का भारी नुकसान हो रहा है।’’
ग्रामीण और वन क्षेत्रों में बदलाव की ओर इशारा करते हुए, उन्होंने आधुनिक बुनियादी ढांचे की आवश्यकता पर बल दिया।
सीतारमण ने कहा, ‘‘हमें कनेक्टिविटी के लिए ऑप्टिकल फाइबर और डिजिटल उपकरणों के माध्यम से वैश्विक पहुंच की आवश्यकता है ताकि कारीगर और किसान अपने उत्पादों का विपणन कर सकें। इसका अर्थ है उन क्षेत्रों में विस्तार करना जो सहस्राब्दियों से हरे-भरे रहे हैं।’’
सीतारमण ने कहा कि पारिस्थितिक रूप से संवेदनशील क्षेत्रों में विकास कार्य से जुड़े फैसले स्थानीय स्तर पर लिए जाने चाहिए।
उन्होंने कहा, ‘‘यह मेरा काम नहीं है कि मैं कहीं और से कहूं कि किसी क्षेत्र को (विकास से) अछूता रहना चाहिए। वहां रहने वाले लोगों को यह तय करना होगा कि वे किस मात्रा में होने वाले विकास के साथ सहज हैं और उन्हें इसकी किस स्तर पर इसकी सीमा तय करनी है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘यह कहना मेरे लिए उचित नहीं है कि किसी क्षेत्र को अछूता रहना चाहिए। वहां रहने वाले लोगों को यह तय करना होगा कि वे कितने विकास से सहज हैं और इसकी सीमा क्या होगी।’’
केंद्रीय मंत्री ने यह महत्वपूर्ण प्रश्न उठाया कि यदि विकास को पूरी तरह से नकार दिया जाए, तो क्या वे लोग जो पीढ़ियों से अपरिवर्तित रहे हैं और अब बेहतर जीवन की आकांक्षा रखते हैं, संतुष्ट हो सकेंगे?
उन्होंने कहा कि यह बात न केवल भारत में, बल्कि पूरे विश्व में चर्चा कें केंद्र में है।
इस मुद्दे की तात्कालिकता को रेखांकित करते हुए, केंद्रीय वित्त मंत्री ने कहा कि अगला वैश्विक जलवायु शिखर सम्मेलन ब्राजील में अमेजन वर्षावन के किनारे एक सुदूर क्षेत्र में आयोजित किया जाएगा। वहां इसके आयोजन का उद्देश्य यह प्रदर्शित करना है कि कैसे दुनिया अब जलवायु और विकास की बातचीत को सीधे सबसे नाजुक पारिस्थितिक तंत्रों तक ला रही है।
सीतारमण ने कहा, ‘‘यह एक अत्यंत महत्वपूर्ण चर्चा है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘मुझे खुशी है कि यह आज सुबह यहां शुरू हुई।’’
केंद्रीय वित्त मंत्री ने नागरिकों, उद्योग और नीति निर्माताओं के बीच सहयोग के महत्व पर भी जोर दिया।
सीतारमण ने कहा कि केंद्र सरकार व्यापक भागीदारी और पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए कर ढांचे को सरल बनाने और वित्तीय प्रणालियों की पहुंच बढ़ाने के लिए सक्रिय रूप से काम कर रही है।
उन्होंने आश्वासन दिया, ‘‘सरकार सहभागी नीति-निर्माण के लिए प्रतिबद्ध है और हम सभी हितधारकों के लिए वित्तीय प्रणालियों को अधिक सुलभ और कुशल बनाने के लिए निरंतर प्रयास कर रहे हैं।’’
केंद्रीय वित्त मंत्री ने मेघालय की दो शीर्ष महिला करदाताओं, रिमिफुल शायला और वंजोप्लिन को सम्मानित किया और देश की कर प्रणाली में उनके सराहनीय योगदान की सराहना की।
केंद्रीय वित्त मंत्री बृहस्पतिवार से मेघालय के चार दिवसीय दौरे पर हैं।
भाषा सुभाष माधव
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