मुंबई, 12 जुलाई (भाषा) एयरलाइन पायलट्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (एएलपीए) ने शनिवार को एअर इंडिया विमान दुर्घटना की निष्पक्ष और तथ्य-आधारित जांच की मांग की। एसोसिएशन ने दावा किया कि एअर इंडिया विमान दुर्घटना की जांच की शैली और दिशा पायलट की गलती की ओर झुकाव का संकेत देती है।
विमान दुर्घटना अन्वेषण ब्यूरो (एएआईबी) ने 12 जून को हुए बोइंग 787-8 विमान हादसे की अपनी प्रारंभिक रिपोर्ट जारी कर दी है, जिसमें 260 लोग मारे गए थे।
रिपोर्ट में पाया गया है कि एअर इंडिया की उड़ान संख्या एआई171 के दोनों इंजन की ईंधन आपूर्ति एक सेकंड के अंतराल में बंद हो गई, जिससे कॉकपिट में भ्रम की स्थिति उत्पन्न हुई और विमान उड़ान भरने के लगभग तुरंत बाद ही जमीन पर गिर गया।
पंद्रह पृष्ठों की रिपोर्ट में कहा गया है कि कॉकपिट की आवाज रिकॉर्डिंग में एक पायलट दूसरे से पूछता सुनाई देता है कि उसने ईंधन क्यों बंद किया, हालांकि दूसरे पायलट ने ईंधन बंद करने से इनकार किया।
एएलपीए ने एक बयान में कहा, ‘‘जांच की शैली और दिशा पायलट की गलती की ओर झुकाव का संकेत देती है… एएलपीए इंडिया इस धारणा को स्पष्ट रूप से खारिज करता है और निष्पक्ष, तथ्य-आधारित जांच पर जोर देता है।’’
एसोसिएशन ने यह भी मांग की है कि पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित करने के लिए उसके प्रतिनिधियों को जांच प्रक्रिया में पर्यवेक्षक बनाया जाए।
एएलपीए इंडिया, इंटरनेशनल फेडरेशन ऑफ एयरलाइन पायलट्स एसोसिएशन (आईएफएएलपीए) का एक ‘मेंबर एसोसिएट’ है।
भाषा अमित सुरेश
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