नयी दिल्ली, 12 जुलाई (भाषा) दिल्ली की सड़कों पर एक अक्टूबर से कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआई) से चलने वाले 3,500 से अधिक कैमरे, ‘गनशॉट सेंसर’ और ‘अलर्ट सिस्टम’ लगाए जाएंगे। एक अधिकारी ने शनिवार को यह जानकारी दी।
अधिकारी ने कहा कि ‘सेफ सिटी’ परियोजना के पहले चरण के तहत ये उपकरण लगाए जाएंगे, जिसका उद्देश्य राष्ट्रीय राजधानी में पुलिस की कार्यप्रणाली में बदलाव लाना है।
आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस वीडियो एनालिटिक्स (एआईवीए) से लैस यह प्रणाली गोलीबारी, महिलाओं के खिलाफ अपराध, वाहन चोरी और लावारिस वस्तुएं मिलने जैसी घटनाओं को लेकर अलर्ट जारी करेगी।
यह कदम 31 दिसंबर, 2022 की रात को कंझावला में हुई भयावह घटना के लगभग दो साल से अधिक समय बाद उठाया गया है। इस घटना में 20 वर्षीय युवती को एक कार ने 12 किलोमीटर से ज्यादा दूर तक घसीटा था, जिसके कारण उसकी मौत हो गई थी। इस घटना ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया था और शहर में निगरानी की खामियों की व्यापक समीक्षा की गई थी।
पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, ‘कंझावाला मामले के बाद, गृह मंत्रालय ने हमें संवेदनशील इलाकों का ऑडिट करने का निर्देश दिया था। हमने पाया कि लगभग 10,000 अतिरिक्त कैमरों की ज़रूरत है। यह परियोजना विभिन्न चरण में लागू की जा रही है और सबसे पहले उच्च जोखिम एवं घनी आबादी वाले इलाकों में कम किया जाएगा।’
अधिकारी ने बताया कि पहले चरण में कुल 3,500 कैमरे लगाए जाएंगे, जिनमें 6,121 बुलेट कैमरे, 1,622 स्वचालित नंबर प्लेट पहचान (एएनपीआर) कैमरे, 370 फेशियल रिकॉग्निशन सिस्टम (एफआरएस) कैमरे और 1,876 पैन-टिल्ट-जूम (पीटीजेड) कैमरे शामिल होंगे।
उन्होंने कहा कि इसके अतिरिक्त, इस परियोजना में 200 ‘गनशॉट डिटेक्शन सिस्टम’ और 300 पब्लिक एड्रेस सिस्टम (स्पीकर) शामिल हैं।
अधिकारी ने कहा कि इन्हें आपातकालीन स्थितियों के दौरान अलर्ट प्रदान करने और सार्वजनिक संचार के लिए रणनीतिक रूप से स्थापित किया जाएगा।
अधिकारी ने कहा, ‘ये साधारण सीसीटीवी कैमरे नहीं हैं। ये एआई-आधारित वीडियो एनालिटिक्स वाली प्रणाली पर आधारित हैं। यह प्रणाली किसी भी असामान्य गतिविधि का पता चलने पर पुलिस मुख्यालय में स्थित हमारे एकीकृत कमांड, नियंत्रण, संचार और कंप्यूटर केंद्र (सी4आई) को तुरंत अलर्ट कर देगी।’
भाषा जोहेब रंजन
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