मुंबई, 12 जुलाई (भाषा) महाराष्ट्र के संस्कृति मंत्री आशीष शेलार ने शनिवार को कहा कि सरकार यूनेस्को की विश्व धरोहर सूची में शामिल किये गए राज्य के शिवाजी के प्रत्येक किले के लिए अलग-अलग समितियां गठित करेगी, ताकि बेहतर प्रबंधन और संरक्षण सुनिश्चित किया जा सके।
मराठा शासक की किलेबंदी व्यवस्था का प्रतिनिधित्व करने वाले ‘मराठा मिलिट्री लैंडस्केप्स’ को यूनेस्को की विश्व धरोहर सूची में शामिल किया गया है। यह निर्णय पेरिस में आयोजित विश्व धरोहर समिति (डब्ल्यूएचसी) के 47वें सत्र के दौरान लिया गया।
मराठा शासक के 12 किले एवं दुर्ग को यह दर्जा दिया गया, जिनमें महाराष्ट्र में साल्हेर किला, शिवनेरी किला, लोहगढ़, खंडेरी किला, रायगढ़, राजगढ़, प्रतापगढ़, स्वर्णदुर्ग, पन्हाला किला, विजय दुर्ग और सिंधुदुर्ग और तमिलनाडु में जिंजी किला शामिल हैं।
शेलार ने यहां संवाददाताओं से कहा, ‘‘प्रत्येक किले के प्रबंधन की देखरेख के लिए अब एक विशेष समिति होगी।’’ उन्होंने कहा कि निगरानी के लिए मुख्य सचिव के अधीन एक राज्य-स्तरीय समिति और संबंधित जिलाधिकारियों के अधीन जिला-स्तरीय समितियां पहले से ही कार्यरत हैं।
शेलार महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) प्रमुख राज ठाकरे की टिप्पणी पर प्रतिक्रिया दे रहे थे, जिन्होंने छत्रपति शिवाजी महाराज से जुड़े 12 किलों को यूनेस्को द्वारा विश्व धरोहर सूची में शामिल किये जाने का स्वागत किया था।
ठाकरे ने कहा कि सरकार को इन किलों के संरक्षण और सुरक्षा पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए। उन्होंने इन किलों को मराठा शासक की सच्ची विरासत बताया।
मनसे प्रमुख ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, ‘‘सरकार को इन किलों पर सभी अनधिकृत निर्माणों को तुरंत ध्वस्त कर देना चाहिए! अतिक्रमणकारियों का धर्म या जाति चाहे जो भी हो।’’
मंत्री ने बताया कि सरकार ने अतिक्रमण से जुड़े मुद्दों के समाधान के लिए जिलाधिकारियों के अधीन समितियां गठित करने का आदेश जारी किया है।
उन्होंने कहा, ‘‘इस साल 31 जनवरी तक सभी किलों का सर्वेक्षण पूरा हो चुका है। कुछ अतिक्रमण पहले ही हटाए जा चुके हैं, जबकि अन्य मामलों में कार्रवाई जारी है।’’
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