दीव, 12 जुलाई (भाषा) कई लोग मानते हैं कि पिछले महीने की 12 तारीख को अहमदाबाद में एअर इंडिया के दुर्घटनाग्रस्त विमान में बचे एकमात्र यात्री विश्वास कुमार रमेश सबसे भाग्यशाली हैं, लेकिन वह स्वयं इस भयावह सदमे से उबरने के लिए संघर्ष कर रहे हैं।
रमेश के रिश्ते के भाई ने बताया कि अब वह इस दर्दनाक अनुभव से उबरने के लिए मनोचिकित्सक की मदद ले रहे हैं।
लंदन जाने वाला बोइंग 787 ड्रीमलाइनर विमान अहमदाबाद हवाई अड्डे से उड़ान भरने के कुछ ही सेकंड बाद दुर्घटनाग्रस्त हो गया था।
इस हादसे में भारतीय मूल के ब्रिटिश नागरिक 40 वर्षीय विश्वास एकमात्र यात्री थे, जो जीवित बचे हैं। उनके भाई अजय विमान सवार उन 241 लोगों में शामिल थे जो जमीन पर 19 अन्य लोगों के साथ जान गंवा बैठे।
रमेश के रिश्ते के भाई सनी ने बताया कि दुर्घटना स्थल के दृश्य, चमत्कारिक तरीके से बचने और भाई की मृत्यु की भयवाह तस्वीर अब भी उन्हें परेशान कर रही है।
उन्होंने बताया, ‘‘विदेश में रहने वाले हमारे रिश्तेदारों समेत कई लोग विश्वास का हालचाल जानने के लिए हमें फोन करते हैं। लेकिन वह किसी से बात नहीं करते। वह अब भी दुर्घटना और अपने भाई की मौत के मानसिक आघात से उबर नहीं पाये हैं।’’
सनी ने कहा, ‘‘वह अब भी आधी रात को जाग जाते हैं और उन्हें दोबारा सोने में दिक्कत होती है। हम दो दिन पहले उन्हें इलाज के लिए एक मनोचिकित्सक के पास ले गए थे। उन्होंने अब तक लंदन लौटने की कोई योजना नहीं बनाई है क्योंकि उनका इलाज अब शुरू हुआ है।’’
रमेश को 17 जून को अहमदाबाद सिविल अस्पताल से छुट्टी दी गई थी। उसी दिन, उनके भाई अजय का पार्थिव शरीर डीएनए मिलान के बाद परिवार को सौंपा गया था।
रमेश और अजय, दादरा और नगर हवेली तथा दमन और दीव केंद्र शासित प्रदेश के अंतर्गत आने वाले दीव में अपने परिवार से मिलने के बाद एअर इंडिया की उड़ान से लंदन लौट रहे थे।
सोशल मीडिया पर प्रसारित एक वीडियो में उन्हें 18 जून को अपने भाई के पार्थिव शरीर को कंधे पर उठाकर दीव स्थित श्मशान घाट ले जाते हुए देखा जा सकता है।
दुर्घटना के एक दिन बाद प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अस्पताल में रमेश से मुलाकात की थी और उनका हालचाल पूछा था।
भाषा धीरज संतोष
संतोष