सीतापुर, 12 जुलाई (भाषा) उत्तर प्रदेश के सीतापुर जिले में तैनात एक उप निरीक्षक (दरोगा) द्वारा एक व्यक्ति से काम के एवज में कथित तौर पर रिश्वत लेने और काम न होने पर रिश्वत के बदले उसके द्वारा दरोगा की बाइक छीनने का एक वीडियो सामने आया है। पुलिस ने शनिवार को बताया कि मामले की जांच शुरू कर दी गई है।
सार्वजनिक हुए वीडियो में देखा जा सकता है कि एक व्यक्ति काम न करने पर एक दरोगा से रिश्वत के बदले उसकी मोटरसाइकिल छीनता हुआ दिखाई दे रहा है।
यह घटना बृहस्पतिवार शाम सीतापुर के तंबौर थाना क्षेत्र में हुई। इस घटना में, रेउसा थाना क्षेत्र का दीपक मिश्रा, उपनिरीक्षक श्रीनिवास पांडे से वाद-विवाद करते हुए दिखाई दे रहा है। मिश्रा का आरोप है कि दरोगा ने उनके ट्रैक्टर और एक पिकअप वाहन की टक्कर के बाद मध्यस्थता के लिए 25,000 रुपये की रिश्वत मांगी थी। मिश्रा का दावा है कि उन्होंने मांगी गई राशि में से 15,000 रुपये पहले ही दे दिए थे।
वीडियो में, मिश्रा उपनिरीक्षक पांडे की मोटरसाइकिल को रोकते हुए और अपनी कथित रिश्वत की रकम वापस मांगते हुए दिखाई दे रहा है। इसके बाद दोनों के बीच तीखी बहस हुई, जिसे बाद में आसपास खड़े लोगों ने शांत कराया और मिश्रा ने बाइक वापस कर दी।
इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से फैल रहा है। वीडियो में एक व्यक्ति ने जब दीपक से पूछा कि क्या उसके पास पैसे देने का कोई सबूत है तो दीपक ने दावा किया कि उसने 10 लोगों के सामने पैसे दिए थे।
वीडियो सामने आने के बाद, पुलिस ने लहरपुर के पुलिस क्षेत्राधिकारी के नेतृत्व में जांच शुरू की। अधिकारियों ने बताया कि प्रारंभिक जांच से पता चलता है कि हादसे में शामिल पक्षों ने मामला सुलझा लिया था और दीपक ने बीमा दावा प्राप्त होने पर पिकअप मालिक को मरम्मत के लिए मुआवजा देने पर सहमति जताई थी।
शनिवार को जारी एक बयान में पुलिस ने दावा किया कि वीडियो में दीपक नशे की हालत में है और आरोप लगा रहा है कि उप निरीक्षक ने उससे पैसे लिए हैं, लेकिन ये सबूत अपर्याप्त हैं। यह साबित नहीं कर सकते कि दरोगा ने उससे पैसे लिए हैं। पुलिस मामले की जांच कर रही है।
भाषा
सं, आनन्द, रवि कांत
रवि कांत