नयी दिल्ली, 12 जुलाई (भाषा) शिवसेना (उबाठा) नेता प्रियंका चतुर्वेदी ने शनिवार को आरोप लगाया कि बोइंग, जीई और एअर इंडिया ने हमें निराश किया, पायलटों ने नहीं।
उनकी यह टिप्पणी विमान दुर्घटना जांच ब्यूरो (एएआईबी) द्वारा अहमदाबाद विमान दुर्घटना पर प्रारंभिक रिपोर्ट जारी किए जाने की पृष्ठभूमि में आई है।
चतुर्वेदी ने ‘एक्स’ पर लिखा, ‘‘यह स्पष्ट प्रतीत होता है कि बोइंग (निर्माता), जीई (इंजन) और टाटा एअर इंडिया (संचालक) ने हमें निराश किया, हमारे पायलटों ने नहीं।’’
चतुर्वेदी ने एक अन्य पोस्ट में एक ब्रिटिश मीडिया संस्थान के इस दावे के लिए आलोचना की कि ‘‘पायलटों ने इंजनों का ईंधन रोक दिया, इंजन की कोई गलती नहीं थी।’’
उन्होंने कहा, ‘‘बोइंग बचाओ कॉर्पोरेशन उर्फ बीबीसी’’।
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सांसद राजीव प्रताप रूडी, जो स्वयं एक वाणिज्यिक पायलट हैं, ने कहा कि एक प्रारंभिक रिपोर्ट आ गई है और इसमें तकनीकी कारणों का उल्लेख है और स्थिति के अनुसार पायलटों द्वारा उठाए गए कदमों पर प्रकाश डाला गया है।
उन्होंने कहा कि उड़ान भरने के बाद विमान 180 नॉट की गति तक पहुंच गया था, जिससे पता चलता है कि यह शुरू में उड़ान भरने में सक्षम था।
रूडी ने यह भी बताया कि दुर्घटना के बाद दोनों ईंधन स्विच चालू पाए गए। उन्होंने कहा, ‘‘वक्त ही बताएगा कि वास्तव में क्या हुआ था।’’
माकपा नेता वृंदा करात ने कहा कि लोगों को अंतिम रिपोर्ट आने तक इस बारे में अटकलें नहीं लगानी चाहिए कि क्या हुआ था क्योंकि यह उन लोगों का अपमान होगा जिन्होंने अपने प्रियजनों को खो दिया है।
उन्होंने कहा, ‘‘मुझे नहीं लगता कि हमें इस पर कोई टिप्पणी करनी चाहिए। दरअसल, मैं आम लोगों से अपील करना चाहूंगी कि वे इस पर कोई टिप्पणी न करें। हमें अंतिम रिपोर्ट का इंतज़ार करना होगा।’’
एअर इंडिया की उड़ान एआई-171 के दोनों इंजन में ईंधन पहुंचाने वाले स्विच बंद हो गए थे और इसके बाद पायलटों में भ्रम की स्थिति पैदा हो गई, जिसके कुछ ही सेकंड बाद विमान अहमदाबाद में दुर्घटनाग्रस्त हो गया। दुर्घटना की प्रारंभिक जांच रिपोर्ट में यह खुलासा हुआ है।
पंद्रह पन्नों वाली रिपोर्ट में कहा गया है कि ‘कॉकपिट वॉयस रिकार्डिंग’ में सुना गया कि एक पायलट ने दूसरे से पूछा कि उसने ईंधन क्यों बंद किया, तो जवाब मिला कि उसने ऐसा नहीं किया।
लंदन जाने वाले बोइंग 787 ड्रीमलाइनर विमान ने 12 जून को अहमदाबाद हवाई अड्डे से उड़ान भरने के तुरंत बाद ही गति खोनी शुरू कर दी और वह एक मेडिकल कॉलेज के छात्रावास से टकराकर दुर्घटनाग्रस्त हो गया था। इस दुर्घटना में विमान में सवार 242 लोगों में से एक को छोड़कर बाकी सभी की मौत हो गई थी।
इस विमान दुर्घटना में यात्री और चालक दल के सदस्यों के अलावा 19 और लोग मारे गए थे। यह एक दशक में सबसे घातक विमान दुर्घटना थी।
विमान दुर्घटना अन्वेषण ब्यूरो (एएआईबी) की रिपोर्ट में दिए गए घटनाक्रम के अनुसार, दोनों ईंधन नियंत्रण स्विच (जिनका उपयोग इंजनों को बंद करने के लिए किया जाता है) उड़ान भरने के तुरंत बाद ‘कटऑफ’ स्थिति में चले गए थे।
हालांकि, रिपोर्ट में यह नहीं बताया गया कि यह कैसे हुआ या यह किसने किया।
भाषा
वैभव माधव
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