बीजिंग, 12 जुलाई (भाषा) पूर्व केंद्रीय मंत्री सुरेश प्रभु ने शनिवार को कहा कि भारत के सभ्यतागत लोकाचार उसके लोकतांत्रिक मॉडल, बहुलवादी भावना और वैश्विक शासन में नेतृत्व क्षमता को आकार दे रहे हैं।
वर्तमान में विचारक संस्था ‘इंडिया फाउंडेशन’ की शासी परिषद के अध्यक्ष प्रभु शंघाई में भारतीय वाणिज्य दूतावास द्वारा आयोजित ‘भारत विकास गाथा’ पर भारतीय समुदाय के सदस्यों, भारतीय कंपनियों के अधिकारियों को संबोधित कर रहे थे।
वाणिज्य दूतावास की ओर से जारी एक प्रेस विज्ञप्ति में कहा गया है कि वाणिज्य, रेलवे और नागरिक उड्डयन मंत्रालयों को संभाल चुके पूर्व केंद्रीय मंत्री ने औद्योगिक क्षमताओं को उन्नत करने, एक लचीले नवाचार पारिस्थितिकी तंत्र का निर्माण करने और नैतिक और सांस्कृतिक मूल्यों पर आधारित मार्गदर्शन के माध्यम से भारत के युवाओं को तैयार करने में प्रमुख चुनौतियों पर भी बात की।
महावाणिज्य दूत प्रतीक माथुर ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में प्रभु के सत्र को “समृद्ध वार्ता और आकर्षक चर्चा” बताया और कहा कि इसे “जबरदस्त प्रतिक्रिया” मिली!
वाणिज्य दूतावास की ओर से जारी विज्ञप्ति में कहा गया कि बैठक में भारत की परिवर्तनकारी आर्थिक प्रगति, प्रौद्योगिकी उन्नयन की दिशा में इसके प्रयासों तथा तेजी से बदलती दुनिया में भारतीय मूल्यों की स्थायी प्रासंगिकता पर व्यापक और स्पष्ट बातचीत हुई।
शंघाई में भारत के महावाणिज्य दूतावास ने कार्यक्रम के बाद ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, “हमारे विकास की यात्रा में उल्लेखनीय प्रगति के प्रमुख पहलुओं पर चर्चा हुई, जो हमारे अंतिम लक्ष्य विकसित भारत की ओर ले जाती है, जिसका खचाखच भरे दर्शकों ने गर्मजोशी से स्वागत किया।”
भाषा प्रशांत माधव
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