गोलपाड़ा, 12 जुलाई (भाषा) असम के गोलपाड़ा स्थित पैकन आरक्षित वन क्षेत्र की लगभग 135 हेक्टेयर भूमि से अतिक्रमण हटाने का अभियान शनिवार को सुचारू रूप से चलाया गया। एक अधिकारी ने यह जानकारी दी।
गोलपाड़ा जिला आयुक्त (डीसी) खानिंद्र चौधरी ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया कि अभियान शांतिपूर्ण ढंग से संपन्न हुआ। उन्होंने बताया, ‘‘ढांचे ध्वस्त कर दिए गए। यह अभियान शांतिपूर्वक संपन्न हुआ।’’
अतिक्रमण हटाओ अभियान को शांतिपूर्ण संचालित करने के लिए खुदाई की 40 मशीनों तथा बड़ी संख्या में सुरक्षाबलों की तैनाती की गई है।
वन विभाग के एक अधिकारी ने कहा, ‘‘हमारा लक्ष्य अतिक्रमण के अधीन वन क्षेत्र को पुनः प्राप्त करना था और हमने यह कर दिखाया है।”
उन्होंने कहा, ‘‘हमारा पहला कदम अतिक्रमण हटाना था। अब हम जमीन वापस पाने के लिए बागानों में जाएंगे।’’
पुलिस अधिकारियों ने कहा कि अभियान के शांतिपूर्ण संचालन के लिए ‘निवारक उपाय’ किए गए और यह सुचारू रूप से संपन्न हुआ।
स्थानीय खबरों में दावा किया गया कि एक प्रभावित व्यक्ति ने कथित तौर पर आत्महत्या करने की कोशिश की, लेकिन त्वरित चिकित्सा सहायता से उसे बचा लिया गया।
गोलपाड़ा के जिलाधिकारी (डीसी) खानिन्द्र चौधरी ने शुक्रवार को ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया था कि कथित अतिक्रमण करने वाले लगभग 95 प्रतिशत लोग पहले ही खुद अपने ढांचे हटाकर क्षेत्र से निकल गए हैं।
मुख्यमंत्री हिमंत विश्व शर्मा ने कहा कि यह अभियान शुक्रवार को होना था, लेकिन मुस्लिम बहुल क्षेत्र में शुक्रवार की नमाज को ध्यान में रखते हुए इसे एक दिन आगे कर दिया गया।
गोलपाड़ा के वन मंडल अधिकारी (डीएफओ) तेजस मारिस्वामी ने पहले कहा था कि यह अभियान कृष्णाई क्षेत्र के पैकन आरक्षित वन क्षेत्र की लगभग 135 हेक्टेयर भूमि से अतिक्रमण हटाने के लिए चलाया जा रहा है।
उन्होंने बताया, ‘‘करीब 1,080 परिवारों ने वन भूमि पर अतिक्रमण किया था। हमने उन्हें नवंबर-दिसंबर में क्षेत्र खाली करने के लिए कहा था और पिछले महीने दोबारा नोटिस भेजकर 10 जुलाई तक क्षेत्र खाली करने का निर्देश दिया गया था।’’
प्रशासन ने वर्ष 2023 से अब तक चार वन रेंजों की 650 हेक्टेयर भूमि से अतिक्रमण हटाया है।
मारिस्वामी ने बताया, ‘‘इसमें से 200 हेक्टेयर भूमि पर मानव बस्ती थी जबकि बाकी 450 हेक्टेयर भूमि पर खेती की जा रही थी।’’
पड़ोसी धुबरी जिले के चापर सर्किल अंतर्गत चरुवा बक्रा, चिरकुटा और संतोषपुर गांवों में मंगलवार को लगभग 1,160 एकड़ भूमि से अतिक्रमण हटाया गया था जिससे करीब 1,100 परिवार प्रभावित हुए।
यह अभियान अदाणी समूह को विद्युत संयंत्र स्थापित करने के लिए भूमि सौंपने के उद्देश्य से चलाया गया है।
इससे पहले, कथित अतिक्रमणकारियों ने अभियान के दौरान खुदाई मशीनों को क्षतिग्रस्त कर दिया था और पुलिस पर हमला करने की कोशिश की थी जिसके कारण पुलिस को भीड़ को तितर-बितर करने के लिए लाठीचार्ज करना पड़ा था।
मुख्यमंत्री शर्मा ने पिछले महीने प्रस्तावित विद्युत परियोजना स्थल का दौरा किया था और घोषणा की थी कि वहां 3,400 मेगावाट क्षमता वाला ताप विद्युत संयंत्र स्थापित किया जाएगा।
गुवाहाटी में बृहस्पितवार को आयोजित प्रेसवार्ता में शर्मा ने कहा कि राज्य में अतिक्रमण हटाने के लिए अभियान जारी रहेंगे और पिछले चार वर्षों में 25,000 एकड़ से अधिक भूमि अतिक्रमणमुक्त कराई जा चुकी है।
उन्होंने कहा, ‘‘हम शनिवार को गोलपाड़ा में एक और अभियान चलाएंगे। गुवाहाटी उच्च न्यायालय ने हमें वन भूमि खाली कराने को कहा है। न्यायालय ने यह भी निर्देश दिया है कि हटाए गए लोगों को पेयजल और अन्य आवश्यक सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएं।’’
हालांकि, कांग्रेस ने इन अभियानों की आलोचना की है और कहा है कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के शासनकाल में जिन नागरिकों को उनकी भूमि से हटाया गया है, अगर कांग्रेस सत्ता में आती है तो इसकी भरपाई की जाएगी।
भाषा प्रीति रंजन
रंजन