हैदराबाद, 12 जुलाई (भाषा) यदि आप से कहा जाए कि कोई पशु मनुष्य की तरह चित्रकारी कर सकता है तो आपको सहसा विश्वास न हो किंतु हैदराबाद में एक ऐसा अनोखा मामला सामने आया है।
हैदराबाद के मणिकोंडा के निवासी स्नेहांगशु देबनाथ और होई चौधरी नामक दंपत्ति ने डॉली नामक लैबराडोर नस्ल की कुतिया को लावारिस हालत में पाया और बचाया था।
जब उन्हें पता चला कि डॉली चित्रकारी में रुचि दिखा रही है, तो वे बहुत खुश हुए।
चौधरी ने ‘पीटीआई वीडियो’ को बताया, ‘वह मेरे पति से ब्रश छीन लेती थी। मेरे पति एक कलाकार हैं और जब वह पेंटिंग करते थे, तो वह आती और ब्रश छीनकर भाग जाती थी। हमारे एक दोस्त ने कहा कि शायद वह भी चित्रकारी करना चाहती है, इसलिए उसे मौका दीजिए। इस तरह हमने उसे ब्रश दिया।’
प्रसिद्ध स्पेनिश कलाकार सल्वाडोर डॉली के नाम पर पालतू पशु का नाम डॉली रखा गया था।
डॉली ने जब चित्रपटी (कैनवस) को छुआ, तो पति-पत्नी बहुत खुश हुए। फिर उन्होंने उसे चित्रकारी करने देने का फैसला किया।
उन्होंने डॉली के लिए एक खास ब्रश बनाया ताकि वह उसे मुंह में रख सके।
देबनाथ ने कहा, ‘हमने थोड़ी खोजबीन की और पता चला कि डॉली के लिए कोई ऐसा ब्रश होना चाहिए जिसे वह ठीक से पकड़ सके। फिर हमने घर पर ही ब्रश बनाया। हमने लकड़ी का एक टुकड़ा खरीदा और उसे अच्छी तरह से तराशा ताकि वह उसके मुंह में आसानी से आ सके।”
दंपत्ति ने डॉली को ब्रश पकड़ने और चित्रपटी छूने का प्रशिक्षण दिया।
देबनाथ ने बताया कि डॉली ने नौ महीने की उम्र में अपनी पहली पेंटिंग बनाई थी। उन्होंने बताया कि डॉली के नाम 38 पेंटिंग्स हैं।
जब लोगों ने डॉली की पेंटिंग खरीदने में दिलचस्पी दिखाई, तो दंपत्ति ने फैसला किया कि अगर वे पेंटिंग खरीदेंगे, तो डॉली पेंटिंग करेगी और खरीदारी से अर्जित राशि को आवारा कुत्तों के कल्याण के लिए दान किया जाएगा।
देबनाथ ने कहा, ‘हमने डॉली की 12 सर्वश्रेष्ठ पेंटिंग्स व लोकप्रिय पेंटिंग का एक कैलेंडर लॉन्च किया। हमने सोचा था कि हम इन पेंटिंग को दुनिया भर में बेचेंगे और सारा पैसा आवारा कुत्तों के बचाव व इलाज के लिए जाएगा। ऐसा ही हुआ और लोगों ने पेंटिग खरीदीं।’
भाषा जोहेब पवनेश माधव
पवनेश