कोलकाता, 12 जुलाई (भाषा) भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने शनिवार को दावा किया कि पश्चिम बंगाल में ‘राजनीतिक संरक्षण’ के तहत ‘खतरनाक जनसांख्यिकीय बदलाव’ हो रहा है और वर्ष 2011 से 2021 के बीच 46 विधानसभा क्षेत्रों में मतदाताओं की संख्या में 40 प्रतिशत से अधिक की वृद्धि हुई है।
ममता बनर्जी के नेतृत्व वाली तृणमूल कांग्रेस 2011 में राज्य में सत्ता में आई थी।
भाजपा ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में आरोप लगाते हुए कहा, ‘‘यह कोई इत्तेफाकिया प्रवृत्ति नहीं है, बल्कि राजनीतिक संरक्षण में किया गया एक सुनियोजित और व्यवस्थित बदलाव है।’’
पार्टी ने दावा किया कि 46 विधानसभा क्षेत्रों में, केवल एक दशक के भीतर मतदाताओं की जनसंख्या में 40 प्रतिशत से अधिक की वृद्धि हुई है। पार्टी ने कहा कि इनमें से सात में यह वृद्धि 50 प्रतिशत से अधिक है।
पोस्ट में लिखा था, ‘‘इसका मतलब है कि मौजूदा मतदाताओं में से लगभग आधे नए हैं। और हमने 2021 के बाद या 2011 से पहले हुए बदलावों पर विचार भी नहीं किया है।’’
इसमें दावा किया गया है कि 118 विधानसभा क्षेत्र ऐसे हैं, जहां मतदाता वृद्धि 30 से 40 प्रतिशत के बीच है।
इसमें पार्टी ने आरोप लगाते हुए कहा, ‘‘बंगाल को इस्लामिक राज्य बनाने का सपना, जिसे कभी श्यामा प्रसाद मुखर्जी जी जैसे पूर्वजों और गोपाल पाठा जैसे योद्धाओं ने कुचल दिया था, आज भी जिंदा है। इस बार, ममता अपने समर्थन से इसे संभव बना रही हैं।’’
गोपाल मुखर्जी, जिन्हें गोपाल पाठा के नाम से भी जाना जाता है, ने अगस्त 1946 में हुए ऐतिहासिक कलकत्ता हत्याकांड के दौरान हिंदुओं को मुस्लिम दंगाइयों से बचाया था।
पोस्ट में कहा गया है कि इन 46 सीट (जहां मतदाताओं की संख्या में कथित तौर पर 40 प्रतिशत से अधिक की वृद्धि देखी गई) में से 10-10 सीट मालदा और दक्षिण 24 परगना जिलों में, नौ सीट मुर्शिदाबाद जिले में और सात सीट उत्तर दिनाजपुर में जिले में है।
पार्टी ने कहा, ‘‘यह स्वाभाविक वृद्धि नहीं है। यह जनसांख्यिकीय इंजीनियरिंग है। यह एक आक्रमण है। और यह सब ममता की निगरानी में हो रहा है।’’
भाजपा ने पोस्ट में दावा किया कि बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के मुख्य सलाहकार मोहम्मद यूनुस ने ‘चिकन नेक’ के बारे में बोलने का साहस इसलिए किया, क्योंकि वह जानते हैं कि उस क्षेत्र की जनसांख्यिकी बदली जा रही है।
‘चिकन नेक’ पश्चिम बंगाल में जमीन की एक संकरी पट्टी को कहते हैं जो पूर्वोत्तर राज्यों को देश के बाकी हिस्सों से जोड़ती है। इस गलियारे की सीमा क्रमशः पश्चिम और पूर्व में नेपाल और बांग्लादेश से लगती है और उत्तरी छोर पर भूटान है।
भाजपा ने पोस्ट में दावा किया कि, ‘‘ममता जानती हैं कि ये (लोग) उनके मतदाता हैं। इसीलिए वह उनके लिए चीखती और चिल्लाती हैं। इसीलिए उन्हें मतदाता सूची के दुरुस्त किए जाने का डर है, क्योंकि बांग्लादेशी मुस्लिमों के वोटों के बिना वह 30 प्रतिशत वोट के आंकड़े को भी नहीं छू सकतीं।’’
बयान में टीएमसी के हालिया आरोप का हवाला दिया गया है कि भाजपा शासित राज्यों में काम करने वाले बंगाली भाषी लोगों को बांग्लादेशी होने के संदेह में गिरफ्तार किया जाता है। इस पर भाजपा ने कहा, ‘‘हम सभी हिंदुओं से अपील करते हैं। अपनी पार्टी लाइन को अलग रखें और अपने राज्य के लिए खड़े हों। यह अब भाजपा, टीएमसी या वामपंथियों के बारे में नहीं है। यह एक सभ्यतागत लड़ाई है।’’
टीएमसी के राज्य महासचिव कुणाल घोष ने पहले कहा था कि भाजपा अपने विभाजनकारी राजनीतिक एजेंडे पर काम कर रही है, क्योंकि वे नफरत की राजनीति करते हैं और लोगों को धार्मिक आधार पर बांटते हैं।
भाषा संतोष दिलीप
दिलीप