नयी दिल्ली, 12 जुलाई (भाषा)दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने शनिवार को बताया कि उनकी सरकार को इस साल कांवड़ शिविर लगाने के लिए रिकॉर्ड 374 आवेदन प्राप्त हुए हैं, जबकि पिछले साल यह संख्या 170 थी।
मुख्यमंत्री ने यहां एक उच्च स्तरीय बैठक की अध्यक्षता करते हुए कहा कि दिल्ली सरकार पवित्र श्रावण मास के दौरान कांवड़ियों का स्वागत करने के लिए पूरी तरह तैयार है।
गुप्ता ने बैठक के दौरान अपने मंत्रिमंडल के सहयोगियों आशीष सूद और कपिल मिश्रा तथा विभिन्न विभागों के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ कांवड़ शिविरों की व्यवस्था की समीक्षा की।
मुख्यमंत्री ने कहा कि इस वर्ष दिल्ली के लोगों में सेवा की विशेष भावना है, यही कारण है कि कांवड़ शिविर लगाने के लिए रिकॉर्ड 374 आवेदन प्राप्त हुए हैं।
उन्होंने कहा, ‘‘हमने उनमें से ज़्यादातर को पहले ही मंजूरी दे दी है और बाकी को भी जल्द ही हरी झंडी दे दी जाएगी। हमारी सरकार सभी को अनुमति देने के लिए प्रतिबद्ध है।’’
गुप्ता ने कहा कि एकल खिड़की प्रणाली के माध्यम से सम्पूर्ण प्रक्रिया को पारदर्शी बनाया गया है, जिससे अनुमति प्रक्रिया सरल और त्वरित हो गई है।
उन्होंने बताया कि सरकार इस वर्ष प्रत्येक कांवड़ शिविर को 1,200 यूनिट तक मुफ्त बिजली उपलब्ध करा रही है। इसके अलावा, सरकार शौचालय सुविधाओं का पूर्ण प्रबंधन कर रही है, जिसमें स्वच्छता बनाए रखने के लिए 24 घंटे सफाई कर्मचारी तैनात रहेंगे।
गुप्ता ने कहा कि इन शिविरों में स्वास्थ्य टीम भी तैनात की जा रही हैं, जो समय पर चिकित्सा देखभाल सुनिश्चित करने के लिए निकटवर्ती अस्पतालों के साथ समन्वय स्थापित करेंगी।
उन्होंने कहा कि सभी के लिए सुगम अनुभव सुनिश्चित करने के लिए यातायात, पुलिस और नगर निगम से संबंधित व्यवस्थाओं को पहले ही अंतिम रूप दे दिया गया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि दिल्ली की सीमाओं पर भव्य स्वागत द्वार बनाए जा रहे हैं और सरकार भगवान शिव के भक्तों के स्वागत के लिए पूरी तरह तैयार है।
उन्होंने अपनी सरकार की पूर्व प्रतिबद्धता का भी उल्लेख किया, जिसके तहत कांवड़ समितियों को शिविर लगाने के लिए 50-50 प्रतिशत आधार पर अनुदान दिया जाएगा – 50 प्रतिशत आयोजन से पहले और 50 प्रतिशत बाद में।
गुप्ता ने कहा, ‘‘सरकार पूरी तरह तैयार है। जैसे ही हमें अंतिम सूची प्राप्त होगी, पहली किस्त वितरित कर दी जाएगी।’’
मुख्यमंत्री ने रामलीला समिति के पदाधिकारियों के साथ भी बैठक की और उन्हें आयोजकों को अनुमति देने के लिए एकल खिड़की प्रणाली स्थापित करने का आश्वासन दिया। उन्होंने कहा, ‘‘हमारी सरकार रामलीला का सुचारू संचालन सुनिश्चित करेगी।’’
बैठक के दौरान आयोजकों ने मुख्यमंत्री को विभिन्न विभागों से अनापत्ति प्रमाण पत्र (एनओसी) प्राप्त करने में आने वाली कठिनाइयों से अवगत कराया गया।
भाषा धीरज दिलीप
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