नयी दिल्ली, 12 जुलाई (भाषा) दिल्ली की एक अदालत ने पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के सहयोगी बिभव कुमार को परिवार के साथ छुट्टियां बिताने के लिए विदेश जाने की अनुमति देते हुए कहा कि उनके भागने का कोई खतरा नहीं है।
कुमार पर आम आदमी पार्टी (आप) की राज्यसभा सदस्य स्वाति मालीवाल से मारपीट करने का आरोप है।
अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश भूपिंदर सिंह ने कहा, ‘‘आरोपी को अपने परिवार को छुट्टियां बिताने के लिए ले जाने का न केवल अधिकार है, बल्कि यह उसका कर्तव्य भी है।’’
अदालत 13 से 22 अगस्त तक श्रीलंका की यात्रा की अनुमति के लिए कुमार की याचिका पर सुनवाई कर रही थी।
सात जुलाई को पारित आदेश में अदालत ने कहा, ‘‘जमानत पर रिहा किये जाने के बाद आरोपी का ऐसा कोई आचरण अदालत के संज्ञान में नहीं लाया गया है, जिससे यह अदालत आरोपी द्वारा विदेश यात्रा के लिए किये गए अनुरोध पर विचार करने से विमुख हो सके।’’
आदेश में कहा गया है कि कुमार को पहले ही उनके पासपोर्ट के नवीनीकरण के लिए अनापत्ति प्रमाण पत्र (एनओसी) प्रदान किया गया था तथा अभियोजन पक्ष ने आदेश को चुनौती नहीं दी, न ही यह कहा कि उनके देश छोड़कर भागने का खतरा है।
न्यायाधीश ने कहा, ‘‘आरोपी को अपने परिवार को छुट्टियों पर ले जाने का न केवल अधिकार है, बल्कि यह उसका कर्तव्य भी है। हो सकता है कि इसकी कोई आवश्यक/आपातकालीन आवश्यकता न हो, जैसा कि अतिरिक्त पुलिस उपायुक्त, उत्तर (जिला) द्वारा दाखिल जवाब में कहा गया है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘मुझे कोई कारण नहीं दिखता कि अर्जी को स्वीकार न किया जाए, खासकर जब सुनवाई की अगली तारीख यात्रा की प्रस्तावित तारीखों से बहुत बाद की है।’’
न्यायाधीश ने कुछ शर्तें भी लगाईं, जिनमें पांच लाख रुपये की सावधि जमा रसीद (एफडीआर) और 72 घंटों के भीतर भारत पहुंचने की सूचना अदालत को देना शामिल है। इसके अलावा, विदेश में उनके प्रवास की अवधि में कोई विस्तार नहीं दिया जाएगा।
कुमार ने पिछले साल 13 मई को केजरीवाल के तत्कालीन सरकारी आवास पर राज्यसभा सदस्य स्वाति मालीवाल पर कथित तौर पर हमला किया था।
कुमार के खिलाफ पिछले साल 16 मई को भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की विभिन्न धाराओं के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई थी, जिनमें आपराधिक धमकी, महिला पर हमला या उसे निर्वस्त्र करने के इरादे से आपराधिक बल प्रयोग, और गैर इरादतन हत्या का प्रयास शामिल हैं। उन्हें 18 मई को गिरफ्तार किया गया था।
पिछले साल सितंबर में उच्चतम न्यायालय ने उन्हें जमानत दी थी।
भाषा सुभाष वैभव
वैभव