तिरुवनंतपुरम, 12 जुलाई (भाषा) ऑल इंडिया कांग्रेस कमेटी के महासचिव के.सी. वेणुगोपाल ने शनिवार को दावा किया कि केंद्र सरकार यमन में हत्या के मामले में दोषी ठहराई गई केरल की नर्स निमिषा प्रिया की फांसी की सजा मामले में हस्तक्षेप करने के लिए कोई कदम नहीं उठा रही है।
वेणुगोपाल ने कहा कि यह दुखद है कि प्रधानमंत्री और विदेश मंत्रालय के ध्यान में यह मुद्दा लाए जाने के बावजूद केंद्र इस मामले में कोई तत्परता नहीं दिखा रहा है।
एआईसीसी महासचिव वेणुगोपाल अलप्पुझा लोकसभा क्षेत्र से सांसद भी हैं। उन्होंने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा कि प्रिया को दी गई मौत की सजा ‘न्याय का घोर उपहास’ है।
उन्होंने पोस्ट में कहा, ‘वह विदेशी धरती पर अकल्पनीय क्रूरता और घरेलू दुर्व्यवहार की शिकार है, जिसे बहुत बुरी स्थिति के करीब ला दिया गया है। उसे मौत की सजा नहीं मिलनी चाहिए। मैंने प्रधानमंत्री को पत्र लिखकर उसकी फांसी रोकने के लिए तत्काल हस्तक्षेप की मांग की है।’
इस बीच प्रमुख व्यवसायी बॉबी चेम्मनुर ने एक टीवी चैनल को बताया कि उन्होंने प्रिया की रिहाई के लिए एक करोड़ रुपये की धनराशि एकत्र कर ली है और वह जल्द ही ओमान जाकर उस व्यक्ति से मिलेंगे जिसने उसकी रिहाई के लिए बातचीत में मदद का वादा किया है।
केरल के सत्तारूढ़ वाम लोकतांत्रिक मोर्चा (एलडीएफ) ने शुक्रवार को केंद्र सरकार से आग्रह किया कि वह निमिषा की सजा कम करने के लिए तुरंत कदम उठाए।
पलक्कड़ जिले के कोल्लेंगोडे की रहने वाली निमिषा प्रिया को 2020 में यमन के एक व्यक्ति की हत्या के लिए दोषी ठहराया गया था। वह उसका व्यापारिक साझेदार था।
यह घटना जुलाई 2017 में घटी थी। पिछले साल नवंबर में यमन की सर्वोच्च न्यायिक परिषद ने उसकी अपील खारिज कर दी थी और देश के सरकारी अभियोजक ने अब आदेश दिया है कि उसे मंगलवार 16 जुलाई को को फांसी दे दी जाए।
प्रिया फिलहाल सना केंद्रीय कारागार में बंद है।
भाषा
शुभम वैभव
वैभव