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Sunday, July 13, 2025

उद्योगपति संजीव गोयनका और आठ अन्य को आनंदबाजार ऑनलाइन का ‘बछरेर बेस्ट’ पुरस्कार प्रदान किया गया

Newsउद्योगपति संजीव गोयनका और आठ अन्य को आनंदबाजार ऑनलाइन का ‘बछरेर बेस्ट’ पुरस्कार प्रदान किया गया

(फोटो के साथ)

कोलकाता, 12 जुलाई (भाषा) उद्योगपति संजीव गोयनका और विभिन्न क्षेत्रों के आठ अन्य लोगों को आनंदबाजार ऑनलाइन द्वारा पश्चिम बंगाल के लोगों की उपलब्धियों के उपलक्ष्य में आयोजित एक वार्षिक समारोह में ‘बछरेर बेस्ट’ (साल के सर्वश्रेष्ठ) पुरस्कार से सम्मानित किया गया।

कोलकाता स्थित आरपीएसजी समूह के संस्थापक और अध्यक्ष गोयनका को बिजली, रसायन, एफएमसीजी, खुदरा, संगीत से लेकर खेल तक कई क्षेत्रों में उनके योगदान के लिए सम्मानित किया गया।

संचालकों ने गोयनका के निवेश और रोजगार सृजन का जिक्र किया। इस अवसर पर गोयनका ने पुरस्कार के लिए ‘आनंदबाजार.कॉम’ को धन्यवाद दिया।

पोलियो टीके पर अपने काम के लिए पुरस्कार प्राप्त करने वाले वैज्ञानिक आनंद शंकर बंद्योपाध्याय ने कहा, ‘‘भारत पोलियो मुक्त तो हो गया है, लेकिन पोलियो के खतरे से मुक्त नहीं हुआ है। विषाणु सीमाओं को नहीं जानता। इसलिए हमें सतर्क रहना चाहिए।’’

यह पूछे जाने पर कि क्या भविष्य में फिर से कोविड टीके लगवाने की ज़रूरत पड़ेगी, उन्होंने कहा, ‘‘विषाणु टीके का निर्धारण करेगा। वैसे कोविड के लिहाज से स्थिति अभी अच्छी है और तीसरी बार टीके की तत्काल जरूरत नहीं है।’’

एक अन्य पुरस्कार प्राप्तकर्ता, भारतीय सांख्यिकी संस्थान के गणितज्ञ रितोब्रतो मुंशी ने कहा, ‘‘ईश्वर को अच्छी तरह परिभाषित नहीं किया जा सकता, लेकिन गणितीय समीकरण परिभाषित हैं। हम संख्याओं के साथ काम करते हैं, इसलिए इस दुनिया की हर चीज़ की तरह, ईश्वर के अस्तित्व के प्रश्न का उत्तर भी एक दिन संख्याओं द्वारा दिया जा सकता है।’’

मीडिया दिग्गज और एबीपी समूह के एडिटर एमेरिटस अवीक सरकार ने कहा कि पिछले कुछ वर्षों में ‘‘कुछ नोबोल पुरस्कार विजेताओं और कुछ गायकों को छोड़कर पश्चिम बंगाल से उपलब्धि हासिल करने वालों की संख्या में कमी आई है, फिर भी उम्मीद बाकी है।’’

उन्होंने कहा, ‘‘जब हम इस पुरस्कार के लिए नामों पर विचार करते समय प्रतिभाशाली लोगों से मिलते हैं – उनमें से कुछ बहुत प्रसिद्ध नहीं भी हो सकते हैं – लेकिन जब हम उनके कार्यों की विपुलता पर विचार करते हैं, तो हमें लगता है कि बंगालियों के पास अभी भी देने के लिए बहुत कुछ है।’’

भाषा राजकुमार वैभव

वैभव

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