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Sunday, July 13, 2025

मैरिको का 2030 तक 20,000 करोड़ रुपये की कंपनी बनने का लक्ष्य

Newsमैरिको का 2030 तक 20,000 करोड़ रुपये की कंपनी बनने का लक्ष्य

नयी दिल्ली, 13 जुलाई (भाषा) रोजमर्रा के उपभोग का सामान (एफएमसीजी) बनाने वाली प्रमुख कंपनी मैरिको का लक्ष्य अगले पांच साल में अपने राजस्व को दोगुना करने का लक्ष्य है। मैरिको 2030 तक 20,000 करोड़ रुपये की कंपनी बनने का लक्ष्य लेकर चल रही है। कंपनी के चेयरमैन हर्ष मारीवाला ने यह बात कही है।

सफोला, पैराशूट और लिवॉन जैसे लोकप्रिय ब्रांड का स्वामित्व रखने वाली कंपनी ने पिछले वित्त वर्ष 2024-25 में 10,000 करोड़ रुपये के राजस्व का आंकड़ा पार कर लिया है।

कंपनी की ताजा वार्षिक रिपोर्ट में इसे एक उपलब्धि बताते हुए मारीवाला ने कहा कि यह मैरिको के ब्रांड और नवोन्मेषण की मजबूती का प्रतिबिंब है।

उन्होंने कहा कि कंपनी अब बदलाव के अगले चरण के लिए तैयारी कर रही है, जिसका लक्ष्य अगले पांच साल में 10,000 करोड़ रुपये का अतिरिक्त राजस्व हासिल करना है।

शेयरधारकों को संबोधित करते हुए मारीवाला ने कहा, ‘‘इस महत्वपूर्ण उपलब्धि का जश्न मनाते हुए हम अपने अगले लक्ष्य पर पूरी तरह केंद्रित हैं। 2030 तक 20,000 करोड़ रुपये के राजस्व तक पहुंचना। यह नवाचार, उद्देश्यपूर्ण ब्रांड निर्माण और परिचालन उत्कृष्टता पर आधारित एक स्पष्ट रूपरेखा से निर्देशित होगा।’’

मैरिको पहले खाद्य तेल और हेयर केयर उत्पादों के लिए जानी जाती थी। कंपनी ने इससे आगे धीरे-धीरे विस्तार किया है।

मैरिको के प्रबंध निदेशक और मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) सौगत गुप्ता ने कहा कि अब कंपनी का व्यापक उद्देश्य विविध और गतिशील जनसांख्यिकी की उभरती आकांक्षाओं को पूरा करने के लिए उपभोक्ता-केंद्रित पोर्टफोलियो का निर्माण करना और उसे मजबूत करना है।

भाषा अजय अजय

अजय

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