30.1 C
Jaipur
Monday, July 14, 2025

भारत के पहले डेंगू टीके के तीसरे चरण के नैदानिक परीक्षण का नामांकन अक्टूबर तक पूरा होगा: आईसीएमआर

Newsभारत के पहले डेंगू टीके के तीसरे चरण के नैदानिक परीक्षण का नामांकन अक्टूबर तक पूरा होगा: आईसीएमआर

नयी दिल्ली, 13 जुलाई (भाषा) भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) के वैज्ञानिकों ने कहा है कि पैनेशिया बायोटेक द्वारा विकसित डेंगू के स्वदेशी टीके ‘डेंगीऑल’ के तीसरे चरण के नैदानिक परीक्षण में लगभग 10,500 प्रतिभागियों का नामांकन भारत के 20 केंद्रों पर अक्टूबर तक पूरा होने की संभावना है।

अब तक, पुणे, चेन्नई, कोलकाता, दिल्ली और भुवनेश्वर सहित अन्य स्थानों पर विभिन्न केंद्रों में 8,000 प्रतिभागियों को आईसीएमआर और पैनेशिया बायोटेक द्वारा प्रायोजित परीक्षण के तहत या तो टीका या प्लेसिबो दिया जा चुका है।

इस परीक्षण का नेतृत्व आईसीएमआर-राष्ट्रीय ट्रांसलेशनल वायरोलॉजी एवं एड्स अनुसंधान संस्थान-पुणे, राष्ट्रीय महामारी विज्ञान संस्थान (एनआईई)-चेन्नई और राष्ट्रीय विषाणु विज्ञान संस्थान-पुणे द्वारा किया जा रहा है।

वर्तमान में, भारत में डेंगू के खिलाफ कोई एंटीवायरल उपचार या लाइसेंस प्राप्त टीका उपलब्ध नहीं है।

एनआईई के निदेशक डॉ. मनोज मुरहेकर ने कहा कि पहले और दूसरे चरण के परीक्षण के परिणामों में एक-खुराक वाले टीके के लिए कोई सुरक्षा चिंता दिखाई नहीं दी है।

डॉ. मुरहेकर ने कहा, ‘‘तीसरे चरण के परीक्षण में नामांकित प्रतिभागियों पर दो साल तक नजर रखी जाएगी। इस परीक्षण में इस टेट्रावैलेंट डेंगू टीके की प्रभावकारिता का मूल्यांकन किया जाएगा।’’

टीके की प्रभावकारिता, सुरक्षा और दीर्घकालिक प्रतिरक्षा संबंधी मूल्यांकन करने के लिए बहु-केंद्रीय, ‘डबल-ब्लाइंड’, औचक, प्लेसीबो-नियंत्रित तीसरे चरण का परीक्षण पिछले साल अगस्त में शुरू किया गया था।

इस परीक्षण में पहले प्रतिभागी को पिछले वर्ष पंडित भगवत दयाल शर्मा स्नातकोत्तर आयुर्विज्ञान संस्थान (पीजीआईएमएस), रोहतक में टीका लगाया गया था।

सभी चार सीरोटाइप के लिए अच्छी प्रभावकारिता हासिल करने की आवश्यकता के कारण एक प्रभावी टीके का विकास जटिल है। डॉ. मुरहेकर ने बताया कि डेंगू वायरस के चार सीरोटाइप होते हैं, जिनमें एक-दूसरे के प्रति कम ‘क्रॉस-प्रोटेक्शन’ होता है, जिसका अर्थ है कि व्यक्ति बार-बार संक्रमण का अनुभव कर सकते हैं।

भारत में, डेंगू वायरस के सभी चार सीरोटाइप कई क्षेत्रों में प्रसारित या सह-प्रसारित होते हैं।

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने पूर्व में एक बयान में कहा था कि ‘टेट्रावैलेंट डेंगू वैक्सीन स्ट्रेन’ (टीवी003/टीवी005), जिसे मूल रूप से अमेरिका के राष्ट्रीय स्वास्थ्य संस्थान (एनआईएच) द्वारा विकसित किया गया था, ने ब्राज़ील में नैदानिक परीक्षणों में आशाजनक परिणाम दिखाए हैं।

इस स्ट्रेन को प्राप्त करने वाली तीन भारतीय कंपनियों में से एक पैनेशिया बायोटेक टीका विकास के सबसे उन्नत चरण में है। कंपनी ने एक पूर्ण विकसित वैक्सीन फ़ॉर्मूला विकसित करने के लिए इन स्ट्रेन पर व्यापक रूप से काम किया है और इस कार्य के लिए एक प्रक्रिया पेटेंट भी रखती है।

डेंगू भारत में एक प्रमुख सार्वजनिक स्वास्थ्य चिंता का विषय है तथा यह इस रोग के सर्वाधिक मामलों वाले शीर्ष 30 देशों में शामिल है।

विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के अनुसार, पिछले दो दशकों में डेंगू के वैश्विक मामलों में लगातार वृद्धि हुई है तथा 2023 के अंत तक 129 से अधिक देशों में डेंगू वायरल रोग की रिपोर्ट दर्ज की गई।

भाषा आशीष नेत्रपाल

नेत्रपाल

Check out our other content

Check out other tags:

Most Popular Articles