(कुणाल दत्त)
नयी दिल्ली, 13 जुलाई (भाषा) दिल्ली में कलाकार चंद्रनाथ दास की एकल प्रदर्शनी का मुख्य आकर्षण बिना शीर्षक का एक तैलचित्र है – उज्ज्वल, रंगीन कैनवास जिस पर ‘सिंदूर’ दर्शाने के लिए वास्तविक सिंदूर का इस्तेमाल किया गया है।
यह प्रदर्शनी विभिन्न मौसमों में हिमालय की शक्ति और भव्यता प्रदर्शित करती है लेकिन यह भारत के ऑपरेशन सिंदूर को भी समर्पित है। ऑपरेशन सिंदूर आतंकवाद के खिलाफ एक निर्णायक सैन्य कार्रवाई थी।
‘हिमालय: द जर्नी थ्रू ए कैसकेड आफ कलर्स’ शीर्षक वाली यह प्रदर्शनी शनिवार शाम को त्रिवेणी कला संगम की एक गैलरी में शुरू हुई।
एक बिना शीर्षक की कृति अपने अमूर्त आकर्षण से आगंतुकों का स्वागत करती है। इसका कैप्शन दिया गया है, ‘ऑपरेशन सिंदूर: ए ट्रिब्यूट- द रेड मार्क ऑफ ड्यूटी’। इसके दूसरी ओर एक विशाल कैनवास पर ऐक्रेलिक माध्यम से माउंट एवरेस्ट चित्रित है।
मई में हुए सैन्य अभियान और दुनिया की सबसे ऊंची चोटी के शाश्वत आकर्षण को समर्पित इन कलाकृतियों को एक ही दीवार के दोनों ओर लगाना कोई संयोग नहीं है। दास कहते हैं कि ये दोनों ही साहस और भारत के रक्षकों के प्रतीक हैं।
केंद्रीय कलाकृति के शीर्षक में लिखा है, ‘‘यह प्रदर्शनी ऑपरेशन सिंदूर और हमारे रक्षा बलों के महिलाओं और पुरुषों को समर्पित है, जिनकी अटूट प्रतिबद्धता, विशेष रूप से हाल की प्रतिकूल परिस्थितियों में, हमारे राष्ट्र के साहस, शक्ति और एकता की याद दिलाती है।’’
वर्ष 1962 में कोलकाता में जन्मे इस कलाकार ने बताया कि उन्होंने पिछले तीन दशक हिमालय के आसपास बिताए हैं। उन्होंने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, ‘इसलिए, मेरी पेंटिंग हिमालय के सार को दर्शाती हैं। हिमालय की ताकत और हमारे सैनिकों की ताकत, इस पेंटिंग का मुख्य विषय है, जिसे मैंने ऑपरेशन सिंदूर को समर्पित किया है।’’
दास के पास ललित कला में स्नातक और संग्रहालय अध्ययन में स्नातकोत्तर की डिग्री है।
भाषा अमित नरेश
नरेश