नयी दिल्ली, 13 जुलाई (भाषा) एएआईबी के पूर्व प्रमुख अरबिंदो हांडा ने रविवार को कहा कि पिछले महीने अहमदाबाद में एअर इंडिया (एआई) के विमान के दुर्घटनाग्रस्त होने से जुड़ी प्रारंभिक जांच रिपोर्ट के आधार पर पायलट की भूमिका के बारे में निष्कर्ष निकालना जल्दबाजी होगी। उन्होंने कहा कि अंतिम रिपोर्ट में दुर्घटना के सर्वाधिक संभावित कारण का उल्लेख होगा।
विमान दुर्घटना जांच ब्यूरो (एएआईबी) द्वारा एयर इंडिया विमान हादसे की जांच से जुड़ी प्रारंभिक रिपोर्ट जारी करने के एक दिन बाद हांडा ने कहा, ‘‘हमें एएआईबी को निष्पक्ष, पक्षपात रहित और पारदर्शी तरीके से जांच पूरी करने की अनुमति देनी चाहिए।’’
हांडा ने 2020 में कोझिकोड में हुई एयर इंडिया एक्सप्रेस विमान दुर्घटना सहित 100 से अधिक विमान दुर्घटनाओं की जांच की है।
उन्होंने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, ‘‘एएआईबी ने अच्छा काम किया है। आगे बढ़ते हुए, वे अब यह पता लगाने पर ध्यान केंद्रित करेंगे कि ये ईंधन स्विच क्यों और कैसे हिले और क्या कोई यांत्रिक और/या विद्युत विफलता/खराबी हो सकती है।’’
शनिवार को जारी प्रारंभिक जांच रिपोर्ट में कहा गया है कि दुर्घटनाग्रस्त ‘बोइंग 787-8’ विमान के इंजनों के ईंधन स्विच एक सेकंड के अंतराल में बंद हो गए थे और बाद में चालू हो गए।
कॉकपिट की वॉयस रिकॉर्डिंग में, एक पायलट दूसरे से पूछता सुनाई देता है कि उसने स्विच क्यों बंद किया और दूसरा पायलट कहता है कि उसने ऐसा नहीं किया।
रिपोर्ट में यह नहीं बताया गया है कि किस पायलट ने सवाल पूछा और किस पायलट ने जवाब दिया।
उड़ान की कमान सह-पायलट के पास थी और ‘पायलट इन कमांड’ (पीआईसी) उड़ान के दौरान पायलट की निगरानी कर रहे थे।
हांडा ने कहा, ‘‘एअर इंडिया की उड़ान संख्या 171 पर एएआईबी की प्रारंभिक जांच रिपोर्ट के आधार पर किसी निष्कर्ष पर पहुंचना, जिसमें किसी एक पायलट की भूमिका भी शामिल है, जल्दबाजी होगी… हमें एएआईबी को निष्पक्ष, पक्षपात रहित और पारदर्शी तरीके से जांच पूरी करने देनी चाहिए।’’
पायलट इन कमांड (पीआईसी) 56 वर्षीय कैप्टन सुमीत सभरवाल थे और सह-पायलट के रूप में ‘फर्स्ट ऑफिसर’ 32 वर्षीय क्लाइव कुंदर थे। सभरवाल का बोइंग 787 के साथ उड़ान अनुभव 8,596 घंटों से अधिक का था, जिसमें पीआईसी के रूप में 8,260 घंटे शामिल हैं।
इसी तरह कुंदर का इस तरह के विमान के साथ उड़ान अनुभव 1,128 घंटे का था।
उड़ान के दौरान विमान की कमान कुंदर के पास थी, जबकि सभरवाल लगभग 12 साल पुराने बोइंग 787-8 विमान से संचालित इस उड़ान के दौरान पायलट की निगरानी कर रहे थे।
प्रारंभिक रिपोर्ट के अनुसार, दोनों पायलट ने उड़ान भरने से पहले पर्याप्त आराम किया था।
हांडा ने कहा, ‘‘कुछ जगहों पर खासकर विदेशी मीडिया में, यह संकेत देने की कोशिश की जा रही है कि किसी एक पायलट की गलती हो सकती है। एक बार फिर, मैं विमानन क्षेत्र के अपने अनुभवी लोगों से अनुरोध करना चाहूंगा कि वे किसी भी तरह की अटकलों से बचें।
अहमदाबाद से लंदन के लिए रवाना 12 साल पुराना बोइंग 787-8 विमान गत 12 जून को उड़ान भरने के तुरंत बाद एक इमारत से टकरा गया और 260 लोगों की मौत हो गई। विमान में सवार 242 लोगों में से केवल एक ही जीवित बचा।
नागर विमानन मंत्री के. राममोहन नायडू ने शनिवार को कहा कि एअर इंडिया विमान दुर्घटना में पायलट की भूमिका के बारे में किसी भी निष्कर्ष पर तुरंत नहीं पहुंचना चाहिए और अंतिम जांच रिपोर्ट तैयार करने से पहले कई पहलुओं पर गौर करने की आवश्यकता है।
भाषा
संतोष दिलीप
दिलीप