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Monday, July 14, 2025

महाराष्ट्र जन सुरक्षा विधेयक शहरी नक्सलवाद के खिलाफ कड़ी कार्रवाई में सहायक होगा: फडणवीस

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नागपुर, 13 जुलाई (भाषा)मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने रविवार को कहा कि राज्य विधानमंडल द्वारा हाल ही में पारित महाराष्ट्र विशेष जन सुरक्षा विधेयक, 2024, ‘शहरी नक्सलवाद’ के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने में सहायक होगा।

मुख्यमंत्री ने यहां संवाददाताओं से कहा कि विधेयक के खिलाफ बोलने वाले लोग ‘‘एक तरह से वामपंथी उग्रवाद की विचारधारा को आगे बढ़ाने की कोशिश कर रहे हैं।’’ उन्होंने कहा कि इस विधेयक ने किसी का भी विरोध करने या सरकार के खिलाफ बोलने का अधिकार नहीं छीना है।

वामपंथी उग्रवादी संगठनों की गतिविधियों पर अंकुश लगाने के उद्देश्य से इस विधेयक के प्रमुख प्रावधानों में सात वर्ष तक की कैद, पांच लाख रुपये तक का जुर्माना और इसके तहत दर्ज अपराधों को संज्ञेय और गैर-जमानती के रूप में वर्गीकृत करना शामिल है।

सरकार ने इस विधेयक को बृहस्पतिवार को राज्य विधानसभा से और शुक्रवार को विधान परिषद से कराया था। राज्यपाल की स्वीकृति मिलते ही यह लागू हो जाएगा।

भाजपा विधायक सुमित वानखेड़े ने वर्धा जिले में गांधीवादी संस्थानों में शहरी नक्सलवाद द्वारा घुसपैठ करने का दावा किया था। इस संबंध में पूछे गए सवाल पर फडणवीस ने कहा कि पिछले कुछ वर्षों में शहरी नक्सलवाद को बहुत ही योजनाबद्ध तरीके से बढ़ावा दिया गया।

मुख्यमंत्री ने दावा किया, ‘‘जब माओवादियों को पता चला कि जंगलों में उनके कार्यकर्ताओं की संख्या कम हो रही है, तो उन्होंने रणनीतिक बदलाव किया। उन्होंने शैक्षणिक संस्थानों, विश्वविद्यालयों या अन्य संगठनों में घुसपैठ कर वहां संवैधानिक शासन को खत्म करने और शहरी कार्यकर्ताओं के माध्यम से अराजकता फैलाने का फैसला किया।’’

उन्होंने कहा, ‘‘हम बंदूकों के साथ हमारे खिलाफ लड़ने वालों को देख सकते हैं, लेकिन ये शहरी (नक्सली) कैडर अदृश्य हैं और धीरे-धीरे हमारी व्यवस्था को भ्रष्ट कर रहे हैं। इसलिए, यह नया कानून शहरी नक्सलवाद के खिलाफ बड़ी कार्रवाई करने में हमारी मदद करेगा।’’

फडणवीस ने महाराष्ट्र विशेष जन सुरक्षा विधेयक, 2024 को लेकर पूछे गए एक सवाल के जवाब में कहा कि उन्हें खुशी है कि राज्य विधानमंडल के दोनों सदनों ने इसे पारित कर दिया है। उन्होंने कहा,‘‘इस विधेयक को पेश करने में हम एक बड़ी लोकतांत्रिक प्रक्रिया से गुजरे हैं।’’

मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘विधेयक को सभी दलों के नेताओं के समक्ष रखा गया और उसके हर खंड पर चर्चा की गई। हमने समिति (राज्य विधानमंडल के दोनों सदनों की संयुक्त प्रवर समिति) के सभी सुझावों को इसमें शामिल किया। समिति की रिपोर्ट पर एक भी असहमति का नोट नहीं था।’’

फडणवीस ने कहा कि 12,000 सुझाव प्राप्त हुए थे जिन पर विचार किया गया और आवश्यक बदलाव किए गए तथा दोनों सदनों में चर्चा के बाद विधेयक को मंजूरी दी गई।

उन्होंने कहा, ‘‘इसलिए अब हमें उन शक्तियों के खिलाफ कार्रवाई करनी होगी जो भारतीय संविधान को स्वीकार नहीं कर रही हैं और इसके खिलाफ काम कर रही हैं। कुछ लोग बिना इसे पढ़े ही इसके खिलाफ बोल रहे हैं। अगर वे इसे पढ़ेंगे तो कभी इसके खिलाफ नहीं बोलेंगे।’’

मुख्यमंत्री ने कहा,‘‘जो लोग इस विधेयक का विरोध कर रहे हैं, वे एक तरह से वामपंथी उग्रवाद की विचारधारा को आगे बढ़ाने की कोशिश कर रहे हैं। इस विधेयक ने किसी के भी सरकार के खिलाफ विरोध करने, बोलने या लिखने के अधिकार को नहीं छीना है।’’

प्रधान न्यायाधीश भूषण रामकृष्ण गवई ने हाल में कहा था कि देश की न्याय व्यवस्था अद्वितीय चुनौतियों का सामना कर रही है और इसमें सुधार की सख्त जरूरत है। इसपर फडणवीस ने कहा कि प्रधान न्यायाधीश की टिप्पणी बिल्कुल सही है।

उन्होंने कहा, ‘‘हमारी फौजदारी न्याय प्रणाली को और तेज बनाने की आवश्यकता है।’’

भाषा धीरज नरेश

नरेश

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