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Monday, July 14, 2025

कांग्रेस शासित राज्य खराब वित्तीय स्थिति के कारण रिक्तियों को भरने में असमर्थ: प्रह्लाद जोशी

Newsकांग्रेस शासित राज्य खराब वित्तीय स्थिति के कारण रिक्तियों को भरने में असमर्थ: प्रह्लाद जोशी

हुबली (कर्नाटक), 13 जुलाई (भाषा) केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद जोशी ने रविवार को आरोप लगाया कि कर्नाटक जैसे कांग्रेस शासित राज्यों में खराब वित्तीय स्थिति के कारण सरकारें रिक्त पदों को भरने में असमर्थ हैं।

हालांकि, उन्होंने देश में रोजगार दर बढ़ाने के लिए केंद्र की भाजपा सरकार द्वारा उठाए गए कदमों का उल्लेख किया।

बेरोजगारी के मुद्दे पर कांग्रेस नेता राहुल गांधी द्वारा केंद्र की भाजपा सरकार पर कथित तौर पर निशाना साधे जाने से संबंधित एक सवाल का जवाब देते हुए जोशी ने राहुल गांधी पर निशाना साधा और आरोप लगाया कि वह खुद विस्तार से बताने के बजाय अपने सलाहकारों के कहने पर बयान दे देते हैं।

जोशी ने कहा, ‘राहुल गांधी हमेशा विस्तार से नहीं बताते। वह अपने सलाहकारों से मिले ‘फीडबैक’ के आधार पर ही प्रतिक्रिया दे देते हैं। वह व्यक्तिगत रूप से विस्तारपूर्वक नहीं बताते। खासकर कोविड-19 के बाद रोजगार दर में जबरदस्त वृद्धि हुई है, ईपीएफओ के आंकड़े खुद यह दर्शाते हैं।’

उन्होंने यहां पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि जहां तक केंद्र सरकार में रिक्तियों को भरने का सवाल है तो 2022 से लेकर आज तक हर महीने रोजगार मेला लगता है और हर महीने 50,000 से एक लाख लोगों को नौकरी दी जाती है।

उन्होंने कहा, ‘‘पिछले ढाई साल में अब तक विभिन्न सरकारी विभागों और संस्थानों में साढ़े सात लाख से ज्यादा लोगों की भर्ती की जा चुकी है।’’

कर्नाटक में सत्तारूढ़ कांग्रेस द्वारा राज्य में दो लाख से ज्यादा रिक्त पदों को न भरने का जिक्र करते हुए केंद्रीय मंत्री ने कहा कि ये रिक्तियां इसलिए नहीं भरी जा सकीं क्योंकि सरकार स्वयं सेवारत कर्मचारियों को समय पर वेतन नहीं दे पा रही है।

उन्होंने दावा किया, ‘‘वे (कर्नाटक सरकार) सेवारत कर्मचारियों को समय पर वेतन नहीं दे पा रहे हैं। वेतन भुगतान में 10-15 दिन से लेकर 20 दिन तक की देरी हो रही है। उनकी (सरकार की) आर्थिक स्थिति खस्ता है, इसलिए वे रिक्तियों को नहीं भर रहे हैं।’

उन्होंने कहा, ‘किसी और विषय पर बात करने से पहले मैं राहुल गांधी से कहूंगा कि वह कर्नाटक, तेलंगाना और हिमाचल प्रदेश में जो हो रहा है, उस पर नजर डालें। इन तीनों राज्यों में उनकी पार्टी की सरकारें हैं और इनकी हालत बहुत खराब है।’

भाषा जोहेब संतोष

संतोष

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