हैदराबाद, 13 जुलाई (भाषा) तेलंगाना में विधान परिषद सदस्य (एमएलसी) टी. मल्लन्ना के सुरक्षाकर्मी ने रविवार को कथित तौर पर तेलंगाना जागृति से जुड़े प्रदर्शनकारियों के एक समूह को तितर-बितर करने के लिए हवा में गोलियां चलाईं।
प्रदर्शनकारी मल्लन्ना के मेडिपल्ली स्थित कार्यालय में घुस गए थे।
मलन्ना ने भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) की एमएलसी के. कविता के खिलाफ टिप्पणी की थी, जिसके विरोध में कविता के नेतृत्व वाली तेलंगाना जागृति के सदस्य कथित तौर पर मल्लन्ना के कार्यालय में घुस गए। घटना के समय मल्लन्ना कार्यालय में मौजूद थे।
प्रारंभिक जानकारी के अनुसार, मल्लन्ना की टिप्पणियों से गुस्साए तेलंगाना जागृति के सदस्यों के एक समूह ने उनके कार्यालय में घुसकर फर्नीचर में ‘तोड़फोड़’ की।
पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया कि उन्होंने कथित तौर पर कुछ कर्मचारियों पर भी हमला किया, जिसके बाद सुरक्षाकर्मी ने आत्मरक्षा में हवा में गोलियां चलाईं।
टेलीविजन फुटेज में सुरक्षाकर्मी को भीड़ को तितर-बितर करने के लिए हवा में गोलियां चलाते हुए देखा जा सकता है, जबकि कई प्रदर्शनकारी परिसर के अंदर कर्मचारियों पर हमला करते दिखाई दे रहे हैं।
घटना के तुरंत बाद पुलिस मौके पर पहुंची। मामले की जांच जारी है।
पत्रकारों से बात करते हुए, मल्लन्ना ने आरोप लगाया कि कविता के उकसावे पर उनकी जान लेने की कोशिश की गई।
उन्होंने दावा किया कि उनके कार्यालय में घुसने वालों ने सुरक्षाकर्मी का हथियार छीनने और उस पर गोलियां चलाने की कोशिश की।
उन्होंने कहा कि सबूतों के साथ एक औपचारिक शिकायत पुलिस को सौंप दी गई है।
मल्लन्ना ने मांग की कि ‘हत्या के प्रयास के लिए उकसाने’ को लेकर कविता की विधान परिषद सदस्यता रद्द की जाए।
वह 2024 में कांग्रेस उम्मीदवार के रूप में विधान परिषद सदस्य चुने गए थे। हालांकि, इस साल की शुरुआत में पार्टी विरोधी गतिविधियों के आरोप में उन्हें पार्टी से निलंबित कर दिया गया था।
इस बीच, कविता ने विधान परिषद के अध्यक्ष जी. सुखेंद्र रेड्डी से मुलाकात कर एक ज्ञापन सौंपा, जिसमें आरोप लगाया गया कि मल्लन्ना ने संगारेड्डी जिले में एक सभा के दौरान उनके खिलाफ ‘अनुचित व अपमानजनक टिप्पणी’ की।
उन्होंने सुखेंद्र रेड्डी से इस मामले को परिषद की आचार समिति को सौंपने का आग्रह किया।
कविता ने मीडिया को संबोधित करते हुए सवाल किया कि मल्लन्ना ने उन्हें क्यों निशाना बनाया, जबकि उन्होंने उनके बारे में कोई टिप्पणी नहीं की थी।
उन्होंने दावा किया कि सिर्फ इसलिए कि वह पिछड़े वर्ग से हैं, इसका मतलब यह नहीं कि वह जो चाहें कह सकते हैं।
भाषा जोहेब नरेश
नरेश