श्रीनगर, 13 जुलाई (भाषा) पर्यावरण नीति समूह (ईपीजी) ने जम्मू-कश्मीर सरकार से केंद्र शासित प्रदेश के खोंमोह में स्थित लगभग 25 करोड़ वर्ष पुराने गुरयुल रेविन जीवाश्म उद्यान के संरक्षण के लिए कदम उठाने की अपील की है।
ईपीजी ने शनिवार को जारी एक बयान में जीवाश्म उद्यान के निकट एक बड़े अवैध कचरा डंपिंग यार्ड की स्थापना को लेकर चिंता व्यक्त की।
इसने कहा, ‘‘इस कदम से न केवल पारिस्थितिकी तंत्र का उल्लंघन होता, बल्कि विश्व स्तर पर महत्वपूर्ण भू-विरासत स्थल को भी खतरा पैदा होता है।’’
समूह ने इस बात पर प्रकाश डाला कि यह स्थल बहुत महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह एकमात्र ज्ञात भूवैज्ञानिक संरचना है।
गुरयुल को अद्वितीय बनाने वाले कारकों पर प्रकाश डालते हुए, ईपीजी ने उल्लेख किया कि ऐसा सुनामी से उत्पन्न संरचनाओं की मौजूदगी के कारण था, जिनकी पहचान भूवैज्ञानिकों द्वारा की गई थी।
इसने कहा कि इन निष्कर्षों को अंतरराष्ट्रीय वैज्ञानिक पत्रिकाओं में उद्धृत किया गया है और ये वैश्विक अनुसंधान के लिए रुचि पैदा करते हैं, जिससे यह स्थल न केवल राष्ट्रीय बल्कि विश्व धरोहर भी बन गया है।
ईपीजी ने कहा, ‘‘पारिस्थितिकीय और वैज्ञानिक रूप से संवेदनशील इस क्षेत्र के इतने करीब कचरा डंपिंग ग्राउंड की स्थापना पर्यावरणीय उल्लंघन का एक चौंकाने वाला कृत्य है। यह पर्यावरण (संरक्षण) अधिनियम, 1986, वन्यजीव (संरक्षण) अधिनियम, 1972 और ठोस अपशिष्ट प्रबंधन नियम, 2016 सहित कई प्रमुख पर्यावरण संरक्षण कानूनों का सीधा उल्लंघन करता है।’’
ईपीजी ने उपराज्यपाल मनोज सिन्हा, मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला और मुख्य सचिव से इस मामले में हस्तक्षेप करने और सुधारात्मक कार्रवाई के लिए तत्काल निर्देश जारी करने की अपील की।
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देवेंद्र सुरेश
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