ढाका, 13 जुलाई (भाषा) बांग्लादेश मुक्ति संग्राम के युद्ध अपराधियों को न्याय के कठघरे में लाने की मांग को लेकर 2013 में शाहबाग में हुए विरोध प्रदर्शनों के प्रमुख केंद्र के रूप में उभरे ढांचे को ध्वस्त कर दिया गया है। यह ढांचा बांग्लादेश मुक्ति संग्राम की भावना की प्रकटीकरण स्थल के रूप में उभरा था।
ढाका ट्रिब्यून अखबार ने रविवार को प्रकाशित खबर के मुताबिक यहां शाहबाग स्थित ‘प्रोजोनमो छत्तर’ संरचना को शुक्रवार-शनिवार की दरमियानी रात को ध्वस्त कर दिया गया।
शाहबाग पुलिस थाना के प्रभारी अधिकारी (ओसी) खालिद मंसूर ने पुष्टि की कि आवास और लोक निर्माण मंत्रालय की ओर से संरचना को ध्वस्त कर दिया गया है। प्रोजोनमो छत्तर संरचना का एक भाग पूरी तरह से ध्वस्त कर दिया गया है।
अखबार ने क्षेत्र के कई स्थानीय चाय विक्रेताओं के हवाले से बताया कि शुक्रवार की आधी रात बुलडोजर की मदद से तोड़फोड़ की कार्रवाई शुरू की गई।
खालिद मंसूर ने बताया कि चूंकि यह संरचना आवास एवं लोक निर्माण मंत्रालय के अधीन थी, इसलिए उन्हें नहीं पता कि इसे क्यों ध्वस्त किया गया।
मंसूर ने कहा, ‘‘मुझे सूचित करने के बाद उन्होंने आधी रात के आसपास यह कार्रवाई की, ताकि कानून व्यवस्था की कोई समस्या न हो। किसी प्रतिरोध या भीड़ के जमा होने की कोई खबर नहीं है।’’
मंसूर के मुताबिक मंत्रालय ने उन्हें बताया कि जुलाई के विरोध प्रदर्शन से संबंधित एक नया ढांचा उस स्थल पर स्थापित किया जाएगा।
पिछले वर्ष जुलाई में छात्रों के नेतृत्व में हुए एक बड़े विरोध प्रदर्शन में संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार कार्यालय की रिपोर्ट के मुताबिक 1,400 लोग मारे गए थे। इस प्रदर्शन की वजह से पांच अगस्त 2024 को तत्कालीन प्रधानमंत्री शेख हसीना को अपदस्थ होना पड़ा और भारत में शरण लेनी पड़ी।
भाषा धीरज संतोष
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