आइजोल, 13 जुलाई (भाषा) मिजोरम सरकार राज्य में रह रहे 35,000 से अधिक म्यांमा शरणार्थियों के बायोमेट्रिक और जनसांख्यिकीय आंकड़े एकत्र करने के लिए बड़े पैमाने पर अभियान शुरू करने की तैयारी कर रही है। गृह विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने रविवार को यह जानकारी दी।
अधिकारी ने बताया कि यह प्रक्रिया जुलाई के अंत में शुरू होने की संभावना है।
उन्होंने बताया कि विदेशी पहचान पोर्टल का उपयोग करके ऑनलाइन पंजीकरण किया जाएगा और यह सबसे पहले उन कस्बों एवं गांवों में किया जाएगा जहां अच्छी इंटरनेट संपर्क सुविधा है।
उन्होंने बताया कि 2021 में चिन सशस्त्र समूहों के बीच सशस्त्र संघर्ष के बाद भारत में आने वाले शरणार्थियों समेत सभी म्यांमा शरणार्थियों का पंजीकरण किया जाएगा।
अधिकारी ने बताया कि सरकार ने इस प्रक्रिया के लिए 38 लाख रुपये निर्धारित किए हैं जिसका वहन केंद्र सरकार करेगी।
उन्होंने बताया कि आवश्यकता पड़ने पर अतिरिक्त धनराशि आवंटित की जाएगी।
अधिकारी ने बताया कि ‘ऑफलाइन’ माध्यम से भी पंजीकरण किया जा सकता है क्योंकि कई शरणार्थी ऐसे दूरदराज के इलाकों में रहते हैं जहां इंटरनेट की सुविधा नहीं है।
उन्होंने कहा कि यह कार्य उपायुक्तों के नेतृत्व में जिला प्रशासन करेंगे और उन्हें सभी आवश्यक उपकरण उपलब्ध कराए जाएंगे।
अधिकारियों ने बताया कि वर्तमान में अधिकतर म्यांमा शरणार्थी चम्फाई जिले में रह रहे हैं।
शरणार्थियों में से अधिकतर चिन समुदाय से हैं और मिजो लोगों के साथ उनके जातीय संबंध हैं।
भाषा सिम्मी नरेश
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