ठाणे, 13 जुलाई (भाषा) राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (शरद पवार) के नेता जितेंद्र आव्हाड ने रविवार को महाराष्ट्र सरकार की शराब नीति की आलोचना की और आरोप लगाया कि इससे संतों की भूमि शराबखोरी की ओर बढ़ जाएगी और लाखों परिवारों को परेशानी होगी।
एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए आव्हाड़ ने कहा कि भाजपा नीत महायुति सरकार ‘लाडकी बहिन’ (जिसके तहत महिलाओं को कुछ शर्तों के तहत 1500 रुपये की मासिक सहायता दी जाती है) जैसी योजनाओं से राज्य की तिजोरी पर पड़ रहे आर्थिक भार से उबरना चाहती है और इसके लिए राज्यभर में 328 नई शराब दुकानों को लाइसेंस जारी करने की योजना बना रही है।
उन्होंने जोर देकर कहा, ‘खाली खजाने को भरने के लिए शराब पर आधारित यह नीति परिवारों के साथ विश्वासघात है। ‘लाडकी बहिन’ को भुगतान करने के लिए यह सरकार भाइयों, पतियों और पिताओं से विश्वासघात करेगी। इस देवेंद्र फडणवीस सरकार का नाम इतिहास में सार्वजनिक स्वास्थ्य की रक्षा करने के बजाय शराब के लाइसेंस बांटने वाली सरकार के रूप में दर्ज किया जाएगा।’’
शरद पवार के नेतृत्व वाली राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (शरद पवार) के विधायक ने दावा किया कि ज्ञानेश्वर, तुकाराम, तुकड़ोजी महाराज और गाड़गे बाबा जैसे संतों की यह भूमि अब वाइन और विस्की का बाज़ार बन कर रह गई है।
उन्होंने आरोप लगाया, ‘‘आज, 50 साल पहले निरस्त कर दिए गए लाइसेंस एक करोड़ रुपये में बेचे जा रहे हैं जबकि, इनकी कीमत 15 करोड़ रुपये है। मेरे पास 47 कंपनियों के निर्देशकों की सूची है जो लाइसेंस प्राप्त करने के लिए मंत्रालय के चक्कर लगा रहे हैं। ये वे लोग हैं जो इस भ्रष्ट व्यवस्था से लाभ उठा रहे हैं।’’
उन्होंने कहा कि घरों में जलापूर्ति हो-न-हो, सरकार को इसकी कोई परवाह नहीं है। बस शराब की पूर्ण-आपूर्ति होती रहनी चाहिए।
आव्हाड़ ने कहा ‘अगर यही उनका सपना और शासन का ‘मॉडल’ है तो पैसों के लिए ‘गेटवे औफ इंडिया’ को भी बेच दीजिए। जब 1974 में राज्य सरकार ने इससे मिलता-जुलता कुछ करने की कोशिश की थी तब मृणालताई गोरहे, अहिल्याबाई रंगनेकर और मधु दंडवते जैसे दिग्गजों ने एक विद्रोह का नेतृत्व किया। इसके बाद सरकार को अपना फैसला वापस लेना पड़ा और अब यह सरकार भी वही सब कर रही है।’’
उन्होंने राज्य के नागरिकों, विशेषत: महिलाओं से आह्वान किया कि सड़कों पर आएं और राज्य सरकार की शराब नीति का विरोध करें।
उन्होंने संजय गांधी राष्ट्रीय उद्यान के येऊर क्षेत्र में प्रतिबंधित क्षेत्रों में शराब की कथित बिक्री का हवाला देते हुए कहा कि आबकारी अधिकारी इस गोरखधंधे में संलिप्त हैं।
संयोगवश, 8 जुलाई को महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री और वित्त तथा राज्य आबकारी विभाग के मंत्री अजीत पवार ने विधानसभा को सूचित किया था कि 1972 के बाद से राज्य में कोई नया शराब लाइसेंस नहीं दिया गया है। हालांकि मौजूदा लाइसेंसों को उचित प्रक्रिया के बाद एक स्थान से दूसरे स्थान पर स्थानांतरित करने की अनुमति दी जाती है।
उन्होंने विधानसभा को यह भी बताया था कि मौजूदा नियमों के तहत ऐसा कोई कानूनी प्रावधान नहीं है जो नगर निगमों को अपने अधिकार क्षेत्र में शराब के लाइसेंस रद्द करने का प्रस्ताव पारित करने की अनुमति देता हो।
पवार पनवेल से भाजपा विधायक प्रशांत ठाकुर द्वारा खारघर में शराब के लाइसेंस रद्द करने और उसे शराब मुक्त क्षेत्र घोषित करने के संबंध में दिए गए ध्यानाकर्षण प्रस्ताव का जवाब दे रहे थे।
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नरेश
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