बदायूं (उप्र), 13 जुलाई (भाषा) बदायूं जिले में रविवार को दाह संस्कार स्थल पर बुनियादी सुविधाओं की कमी के चलते एक परिवार को भारी बारिश के दौरान भीगने से बचाने के लिये चिता को मजबूरन तिरपाल से ढकना पड़ा।
स्थानीय लोगों ने बताया कि बिसौली तहसील के इस्लामनगर विकास खंड स्थित जगतुआ गांव में हुई यह घटना सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल होने के बाद सामने आई। इसके बाद स्थानीय प्रशासन ने घटना का संज्ञान लिया है।
राम कुमार शर्मा नामक बुजुर्ग व्यक्ति की मृत्यु के बाद उनके परिवार के सदस्यों और ग्रामीणों को बारिश से चिता को बुझने से बचाने के लिए आनन-फानन में प्लास्टिक का तिरपाल लगाना पड़ा।
स्थानीय लोगों ने बताया कि गांव में दाह संस्कार के लिए कोई उचित बुनियादी ढांचा नहीं है और इसमें न तो शेड है और न ही चबूतरा। केवल एक खुला मैदान है जिसे श्मशान घाट के रूप में नामित किया गया है।
मृतक के बेटे अजय शर्मा ने संवाददाताओं से कहा, ”ऐसे श्मशान घाट का क्या फायदा जहां बुनियादी सुविधाएं ही न हों? न तो कोई शेड है और न ही कोई बोर्ड। आज हमने किसी तरह चिता को प्लास्टिक के तिरपाल से ढककर काम चलाया। यह बहुत बुरा अनुभव था।”
उन्होंने कहा कि सरकार को उचित व्यवस्था सुनिश्चित करनी चाहिए ताकि अंतिम संस्कार के दौरान परिवारों को ऐसी परेशानी का सामना न करना पड़े।
इस्लामनगर के खंड विकास अधिकारी (बीडीओ) मुनव्वर खान ने पुष्टि की कि जगतुआ गांव में कोई समुचित रूप से विकसित श्मशान घाट नहीं है।
उन्होंने कहा, ”हमारे पूरे ब्लॉक में केवल चार ग्राम सभाओं में ही श्मशान घाट हैं। उनमें से दो नए बने हैं। ऐसी सुविधाओं का निर्माण सरकार द्वारा आवंटित विशेष धन पर आधारित है।”
खान ने बारिश के मौसम में ग्रामीणों को होने वाली मुश्किलों को स्वीकार किया और कहा कि वह मुख्य विकास अधिकारी (सीडीओ) और ज़िलाधिकारी को पत्र लिखकर इस बारे में बताएंगे और जल्द समाधान का प्रयास करेंगे।
भाषा सं. सलीम नोमान
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