नयी दिल्ली, 13 जुलाई (भाषा) वैश्विक जोखिम से बचने की प्रवृत्ति, अमेरिकी डॉलर सूचकांक में लगातार कमजोरी और व्यापार संबंधी घटनाक्रमों के चलते आने वाले सप्ताह में सोने की कीमतों में मजबूती रहने की संभावना है।
विश्लेषकों का कहना है कि निवेशक अमेरिकी उपभोक्ता मूल्य मुद्रास्फीति (सीपीआई) और खुदरा बिक्री के आंकड़ों पर कड़ी नज़र रखेंगे, जिससे सर्राफा कीमतों को और दिशा मिल सकती है।
एलकेपी सिक्योरिटीज के शोध विश्लेषक, जिंस एवं मुद्रा, उपाध्यक्ष जतीन त्रिवेदी ने कहा कि आने वाले हफ्ते में सोने के मजबूत कारोबार की उम्मीद है, बशर्ते यह एमसीएक्स पर 97,000 रुपये प्रति 10 ग्राम के स्तर से ऊपर बना रहे।
त्रिवेदी ने कहा, “व्यापार शुल्कों को लेकर नए सिरे से चिंता और डॉलर सूचकांक में लगातार कमजोरी वैश्विक जोखिम से बचने की प्रवृत्ति को बढ़ा रही है, जिससे जोखिम भरी संपत्तियों से हटकर सुरक्षित निवेश जैसे सर्राफा साधनों की ओर रुझान बढ़ रहा है।”
उन्होंने कहा कि कमजोर रुपया सोने की कीमतों में तेजी को और बढ़ावा दे सकता है।
पिछले सप्ताह, मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज (एमसीएक्स) पर अगस्त डिलीवरी के लिए सोने का वायदा भाव 842 रुपये या 0.86 प्रतिशत चढ़ गया।
जियोजित इन्वेस्टमेंट्स के जिंस शोध प्रमुख हरीश वी ने कहा कि पीली धातु ने सप्ताह की शुरुआत कमजोर रुख के साथ की क्योंकि इजरायल और ईरान के बीच तनाव कम होने और अमेरिका में उम्मीद से बेहतर गैर-कृषि पेरोल आंकड़ों ने सुरक्षित निवेश की मांग को कम कर दिया।
हालांकि, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा कनाडा और ब्राज़ील पर 35 से 50 प्रतिशत तक के नए शुल्क लगाए जाने के बाद कीमतों में उछाल आया, जिससे एक व्यापक व्यापार युद्ध की आशंकाएं फिर से बढ़ गईं और सर्राफा मांग में तेज़ी आई।
हरीश वी. ने कहा कि व्यापारी भारत और अमेरिका के बीच संभावित व्यापार समझौते पर चल रही बातचीत पर कड़ी नज़र रख रहे हैं, जिससे धारणा प्रभावित हो सकती है।
भाषा अनुराग पाण्डेय
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