गुरुग्राम, 13 जुलाई (भाषा) टेनिस खिलाड़ी राधिका यादव की मित्र होने का दावा करने वाली एक युवती ने आरोप लगाया है कि राधिका के पिता अपने तथाकथित दोस्तों के काफी दबाव में थे, जो उनकी बेटी की सफलता से ईर्ष्या करते थे और उन पर ‘‘उसके (राधिका) सहारे जीने’’ का ताना मारते थे।
रविवार को ‘इंस्टाग्राम’ पर पोस्ट किए गए दूसरे वीडियो में, हिमांशिका सिंह राजपूत ने दावा किया कि वह राधिका को लगभग 10 सालों से जानती थीं और वह खुद को उनकी ‘‘सबसे अच्छी दोस्त’’ मानती हैं।
उन्होंने दावा किया कि राधिका का परिवार अक्सर ‘‘सामाजिक दबाव’’ के आगे झुक जाता था। राजपूत ने यह भी दावा किया कि टेनिस खिलाड़ी के पिता अपने परिचितों के दबाव में थे जो अक्सर उनकी बेटी के बारे में बुरा-भला कहते थे।
हिमांशिका ने वीडियो में कहा, ‘‘उसके (राधिका) पिता के तथाकथित दोस्त राधिका की सफलता से ईर्ष्या करते थे। वे उसे ताना मारते थे, ‘वह मेकअप करती है, छोटे कपड़े पहनती है, तुम उसके पैसों की बदौलत जिंदा हो’, ‘उससे धंधा करवाओ’ जैसी बातें। पुरुषों के अहंकार के कारण कितनी महिलाओं को अपनी जान गंवानी पड़ती है।’’
वीडियो पर प्रतिक्रिया देते हुए गुरुग्राम पुलिस के एक प्रवक्ता ने कहा कि कोई भी ऐसे दावों वाले वीडियो जारी कर सकता है। उन्होंने कहा, ‘‘इस मामले में आरोपी के खिलाफ हमारे पास पर्याप्त सबूत हैं।’’
राजपूत ने कहा कि राधिका अपनी मौत से 10 दिन पहले ‘‘बेहद दुखी थी। वह पूरी तरह टूट चुकी थी और उसने हार मान ली थी। उसने अपने परिवार से यह भी कहा था कि वह उनके निर्देशों के अनुसार जीने को तैयार है।’’
यादव परिवार के बारे में जानकारी साझा करते हुए, राजपूत ने बताया कि परिवार बहुत ‘‘रूढ़िवादी’’ है और हमेशा इस बात को लेकर चिंतित रहता था कि समाज उन्हें कैसे देखता है।
उन्होंने कहा, ‘‘राधिका को वीडियो और रील पोस्ट करना बहुत पसंद था, लेकिन आखिरकार, यह सब बंद हो गया। उनका परिवार अक्सर उन पर दबाव डालता था, कहता था, ‘लोग क्या कहेंगे?’ परिवार को लगभग हर चीज से दिक्कत थी और उन्होंने राधिका को वो सब करने से रोक दिया था जो उन्हें (राधिका) पसंद था।’’
राधिका के पिता दीपक यादव (49) को शुक्रवार को अदालत में पेश किया गया, जहां से उन्हें एक दिन की पुलिस हिरासत में भेजा गया।
पुलिस ने बताया कि तीन चिकित्सकों के बोर्ड द्वारा की गई पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट के अनुसार, 25 वर्षीय राधिका को चार गोलियां – तीन पीठ में और एक कंधे में- लगीं।
भाषा शफीक नरेश
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