भुवनेश्वर, 13 जुलाई (भाषा) ओडिशा के बालासोर जिले में यौन उत्पीड़न की कथित घटना के बाद खुद को आग लगाने वाली 20 वर्षीय कॉलेज छात्रा की हालत गंभीर बनी हुई है और एम्स भुवनेश्वर के चिकित्सकों ने गुर्दा प्रतिरोपण थेरेपी शुरू करने के लिए उसका डायलिसिस आरंभ कर दिया है।
बालासोर के फकीर मोहन (स्वायत्त) कॉलेज में एकीकृत बीएड कार्यक्रम की द्वितीय वर्ष की छात्रा ने कथित तौर पर यौन और मानसिक उत्पीड़न करने वाले शिक्षक के खिलाफ कार्रवाई की मांग करते हुए शनिवार को खुद को आग लगा ली थी।
एम्स भुवनेश्वर के बर्न एवं प्लास्टिक सर्जरी विभाग के अतिरिक्त प्रोफेसर और विभागाध्यक्ष डॉ. संजय गिरि ने बताया कि एम्स दिल्ली के विशेषज्ञों से परामर्श के बाद डायलिसिस शुरू किया गया।
डॉ. गिरि ने बताया कि अस्पताल प्रशासन ने मरीज की स्वास्थ्य स्थिति के बारे में परिवार को सूचित कर दिया है।
उन्होंने बताया कि वेंटिलेटर सपोर्ट पर भी उसकी हृदय गति 180 बीपीएम (बीट प्रति मिनट) है।
एम्स भुवनेश्वर के कार्यकारी निदेशक डॉ. आशुतोष बिस्वास ने रविवार को यहां संवाददाताओं को बताया, “पीड़िता का लगभग 95 प्रतिशत शरीर गंभीर रूप से झुलस गया है। उसके गुर्दे और फेफड़े भी प्रभावित हुए हैं। वह फिलहाल गहन चिकित्सा सहायता पर है।”
महिला को शनिवार को एम्स भुवनेश्वर में भर्ती कराया गया था। अस्पताल अधिकारियों ने कहा कि अगले 48 घंटे बेहद अहम हैं और पीड़िता की हालत में कोई सुधार नहीं दिख रहा है।
बिस्वास ने बताया कि कई विभागों के चिकित्सक छात्रा का इलाज कर रहे हैं।
उन्होंने कहा कि चेहरे पर कुछ जगहों को छोड़कर पूरा शरीर जल गया है। उन्होंने कहा, “फिलहाल हम कुछ नहीं कह सकते।”
ओडिशा के मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी ने अस्पताल का दौरा किया।
माझी ने पत्रकारों को कहा, “छात्रा की हालत गंभीर बनी हुई है। उसका दिल्ली में स्थित एम्स जैसा ही इलाज किया जा रहा है। एक मेडिकल टीम का गठन किया गया है। उसकी हालत स्थिर होने के बाद सरकार उसे ‘एयरलिफ्ट’ करने पर विचार करेगी।”
अस्पताल के सूत्रों ने बताया कि बर्न विभाग के चिकित्सकों के अलावा, गहन चिकित्सा, सर्जरी, नेफ्रोलॉजी और पल्मोनोलॉजी के विशेषज्ञ चौबीस घंटे उसकी स्वास्थ्य स्थिति पर नजर रख रहे हैं।
एम्स भुवनेश्वर ने एनेस्थीसिया, पल्मोनरी मेडिसिन, बर्न, नेफ्रोलॉजी और अन्य विभागों के चिकित्सकों की 10 सदस्यीय विशेषज्ञ समिति गठित की है।
एक कार्यालय आदेश में कहा गया है, “समिति आवश्यकता पड़ने पर किसी भी अन्य महत्वपूर्ण विभाग के किसी भी अन्य संकाय सदस्य को इलाज के लिए बुला सकती है।”
उच्च शिक्षा विभाग के एक आदेश में कहा गया है कि आत्मदाह के बाद, ओडिशा सरकार ने अपने कर्तव्यों का पालन करने में ‘विफल’ रहे कॉलेज के प्रिंसिपल को शनिवार को निलंबित कर दिया।
बालासोर जिला पुलिस ने शनिवार को आरोपी शिक्षिका समीरा कुमार साहू को गिरफ्तार कर लिया।
भाषा जोहेब नरेश
नरेश