बेंगलुरु, 13 जुलाई (भाषा) बेंगलुरु में लगभग 4,000 आवारा कुत्तों को खाना उपलब्ध कराने के लिए 2.88 करोड़ रुपये की अपनी योजना का विवरण साझा करते हुए, बृह्त बेंगलुरु महानगर पालिका (बीबीएमपी) ने रविवार को स्पष्ट किया कि उसने इस पहल के फायदे और नुकसान की समीक्षा करने के बाद इस संबंध में निविदा आमंत्रित की है।
इसने कहा कि परियोजना की लागत में प्रति जोन भोजन के लिए 100 स्थान स्थापित करना, जिससे वर्ष के 365 दिन प्रति जोन 500 कुत्तों को प्रतिदिन एक बार भोजन उपलब्ध कराया जा सके। बीबीएमपी ने कहा कि इस तरह प्रति कुत्ते पर दैनिक खर्च 19 रुपये (करों को छोड़कर) है।
बीबीएमपी पशुपालन विभाग के विशेष आयुक्त सुरलकर विकास किशोर द्वारा जारी स्पष्टीकरण के अनुसार, इसमें दैनिक परिवहन, भोजन वितरण और भोजन स्थलों की सफाई के लिए आठ रुपये और भोजन की लागत के लिए 11 रुपये शामिल हैं।
बीबीएमपी ने कहा कि उसका आहार कार्यक्रम भारतीय पशु कल्याण बोर्ड द्वारा जारी पशु जन्म नियंत्रण (एबीसी) के संशोधित दिशानिर्देशों के अनुरूप है। उसने कहा कि चूंकि कुत्ते मांसाहारी होते हैं, इसलिए भोजन पौष्टिक रूप से संतुलित होगा, जिसमें उबला हुआ चिकन (प्रोटीन के लिए), चावल और सब्जियां शामिल होंगी।
इसने यह स्पष्ट किया कि निविदा में केवल भोजन के पोषक तत्वों की सूची दी गई है, और ‘‘बिरयानी’’ शब्द कहीं भी नहीं है।
बीबीएमपी ने कहा कि भोजन उपयुक्त, पौष्टिक रूप से संतुलित और पशु चिकित्सा सलाह पर आधारित होगा।
नागरिक निकाय ने अपने स्पष्टीकरण में मीडिया और सोशल मीडिया पर इस मामले पर व्यापक सार्वजनिक चर्चा और विश्लेषण का हवाला दिया।
बीबीएमपी द्वारा आवारा कुत्तों को चिकन और चावल खिलाने की योजना संबंधी खबरें सामने आने के बाद सोशल मीडिया पर इसे लेकर बहस छिड़ गई। कुछ लोगों ने इस फैसले की कड़ी आलोचना भी की, जिसके बाद बीबीएमपी ने स्पष्टीकरण दिया है।
भाषा शफीक नरेश
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