नयी दिल्ली, 14 जुलाई (भाषा) बैग, सूटकेस, ट्रोली बैग, ब्रीफकेस आदि बनाने वाली वीआईपी इंडस्ट्रीज के प्रवर्तक दिलीप पीरामल और उनका परिवार कंपनी में अपनी 32 प्रतिशत तक हिस्सेदारी वैकल्पिक परिसंपत्ति प्रबंधन कंपनी मल्टीपल्स को बेचेंगे।
मल्टीपल्स कंसोर्टियम द्वारा भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) के अधिग्रहण नियमों के अनुसार, इस कदम से खुले बाजार से 26 प्रतिशत हिस्सेदारी हासिल करने के लिए खुली पेशकश भी शुरू हो जाएगी।
दोनों कंपनियों द्वारा जारी संयुक्त बयान के अनुसार, दिलीप पीरामल और उनके परिवार ने कंपनी में 32 प्रतिशत तक हिस्सेदारी बेचने के लिए मल्टीपल्स कंसोर्टियम के साथ एक निर्णायक समझौता किया है।
बयान में कहा गया है, ‘‘ लेनदेन पूरा होने पर कंपनी का नियंत्रण मल्टीपल्स प्राइवेट इक्विटी को हस्तांतरित कर दिया जाएगा, जबकि दिलीप पीरामल और उनका परिवार कंपनी में शेयरधारक बने रहेंगे।’’
इसमें कहा गया कि दिलीप पीरामल वीआईपी इंडस्ट्रीज के मानद चेयरमैन होंगे।
वीआईपी इंडस्ट्रीज ने अलग से शेयर बाजार को दी सूचना में मल्टीपल्स कंसोर्टियम की ओर से कंपनी के सार्वजनिक शेयरधारकों से 3.70 करोड़ शेयर खरीदने के लिए खुले प्रस्ताव के बारे में भी जानकारी दी।
कंपनी सूचना के अनुसार, ‘‘ खुला प्रस्ताव 388 रुपये प्रति शेयर की कीमत पर लाया जाएगा जिसे सेबी (एसएएसटी) विनियमनों के नियम 8(2) के तहत निर्धारित किया गया है।’’
इस घटनाक्रम पर टिप्पणी करते हुए वीआईपी के चेयरमैन दिलीप पीरामल ने मल्टीपल्स कंसोर्टियम का कंपनी में ‘‘रणनीतिक साझेदार’’ के रूप में स्वागत किया।
उन्होंने कहा, ‘‘ यह कंपनी की मजबूत विरासत को पुनर्जीवित करने और भारतीय ‘लगेज’ (बैग आदि) बाजार में अपनी पकड़ फिर से मजबूत करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है, जहां कंपनी हाल के वर्षों में संघर्ष करती रही है।’’
मल्टीपल्स अल्टरनेट एसेट मैनेजमेंट की संस्थापक, प्रबंध निदेशक एवं मुख्य कार्यपालक अधिकारी सीईओ रेणुका रामनाथ ने कहा, ‘‘ मल्टीपल्स.. वीआईपी के बहुत मजबूत व्यवसाय के स्वामित्व परिवर्तन का नेतृत्व करने और अपनी समृद्ध विरासत को आगे बढ़ाने एवं विकास के अगले चरण की ओर बढ़ने को लेकर उत्साहित है। ’’
वीआईपी इंडस्ट्रीज का बाजार पूंजीकरण 6,481.78 करोड़ रुपये है। कंपनी की इस क्षेत्र की सैमसोनाइट और सफारी इंडस्ट्रीज के साथ कड़ी प्रतिस्पर्धा है।
कंपनी के पास एरिस्टोक्रेट, वीआईपी, कार्लटन, स्काईबैग्स और कैप्रिस जैसे ब्रांड हैं। इसकी वित्त वर्ष 2023-24 में ‘ब्रांडेड लगेज’ बाजार में 50 प्रतिशत से अधिक हिस्सेदारी थी। हालांकि, अब कंपनी को प्रतिद्वंद्वियों से कड़ी प्रतिस्पर्धा का सामना करना पड़ रहा है और इसकी बाजार हिस्सेदारी धीरे-धीरे कम हो रही है।
वित्त वर्ष 2024-25 में वीआईपी इंडस्ट्रीज का राजस्व 2,169.66 करोड़ रुपये था।
कंपनी की स्थापना 1971 में की गई थी। वीआईपी इंडस्ट्रीज एशिया की सबसे बड़ी और दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी लगेज विनिर्माता कंपनी है। इसका मुख्यालय मुंबई में है। 45 देशों में इसके 10,000 से अधिक बिक्री केंद्र हैं।
भाषा निहारिका मनीषा
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