चेन्नई, 14 जुलाई (भाषा) अन्नाद्रमुक महासचिव ई के पलानीस्वामी ने सोमवार को तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम के स्टालिन से पुलिस हिरासत में मारे गए लोगों के परिवारों को तुरंत उचित मुआवजा देने का आग्रह किया।
उन्होंने दावा किया कि मार्च 2024 में राज्य के शंकरनकोइल में पुलिस हिरासत में कथित तौर पर मारे गए मुरुगन की पत्नी मीना को अभी तक मुआवजा नहीं दिया गया है। पलानीस्वामी ने कहा कि उन्हें नौकरी भी नहीं दी गई, जबकि उच्च न्यायालय की मदुरै पीठ ने उसे सरकारी नौकरी देने का आदेश दिया था।
पलानीस्वामी ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, ‘‘खबरों से संकेत मिलता है कि द्रमुक सरकार ने मीना को सरकारी नौकरी नहीं दी है और अब तक उन्हें राहत भी प्रदान नहीं की है।’’
पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘मिस्टर स्टालिन, मीना की हालत पर आपका क्या जवाब है जिसने आपकी पुलिस की वजह से अपने पति को खो दिया और अपने तीन बच्चों के साथ 300 रुपये की दिहाड़ी के लिए काम करते हुए संघर्ष कर रही है।’’
मंदिर के सुरक्षा गार्ड, थिरुप्पुवनम अजित कुमार की कथित हिरासत में मौत का मुद्दा उठाते हुए, पलानीस्वामी ने आरोप लगाया कि प्रभावित परिवार का दावा है कि राज्य सरकार द्वारा ‘जल्दबाज़ी में’ मुआवज़े के तौर पर दी गई नौकरी और ज़मीन उनके लिए उपयुक्त नहीं थी।
पलानीस्वामी ने पोस्ट में कहा, ‘ऐसा लगता है कि हिरासत में मौतों को रोकने के लिए कोई कदम नहीं उठाए जा रहे हैं, न ही पीड़ित परिवारों को मुआवज़ा देने की कोई इच्छा है। यह कहने के लिए और क्या सबूत चाहिए कि यह एक जनविरोधी शासन है।’
उन्होंने आगे कहा, ‘मैं द्रमुक सरकार से आग्रह करता हूँ कि हिरासत में मरने वालों के परिवारों को तुरंत उचित मुआवज़ा प्रदान करे।’
भाषा वैभव मनीषा
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