यरुशलम, 14 जुलाई (एपी) इज़राइल के अटॉर्नी जनरल ने रविवार को कहा कि प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू के एक करीबी सलाहकार पर, देश की सुरक्षा को नुकसान पहुँचाने की मंशा से गोपनीय जानकारी साझा करने के आरोपों में आपराधिक मुकदमा चलाया जा सकता है।
यह मामला इज़राइल में चर्चित ‘क़तरगेट’ प्रकरण से जुड़ा है, जिसमें इस साल की शुरुआत में पुलिस ने सलाहकार जोनातन उरिच और पूर्व प्रवक्ता एली फेल्डस्टीन को कतर से पैसे लेने और इज़राइल में इस खाड़ी देश की सकारात्मक छवि को बढ़ावा देने के संदेह में गिरफ्तार किया था।
फेल्डस्टीन को एक अलग मामले में भी आरोपित किया गया है, जिसमें उन्होंने एक जर्मन टैब्लॉयड को गोपनीय जानकारी लीक की थी। रविवार को जारी बयान में कहा गया कि उरिच पर भी इसी मामले में आपराधिक मुकदमा चलाया जा सकता है।
अटॉर्नी जनरल के बयान के अनुसार, उरिच पर फेल्डस्टीन के साथ मिलकर ‘अत्यधिक गोपनीय’ सैन्य जानकारी साझा करने का आरोप है। यह जानकारी कथित रूप से अगस्त 2024 में ग़ाज़ा में छह बंधकों की हत्या के बाद प्रधानमंत्री को लेकर सार्वजनिक धारणा को प्रभावित करने और जनचर्चा की दिशा मोड़ने के उद्देश्य से लीक की गई थी।
बयान में कहा गया है कि उरिच पर आपराधिक मुकदमा सुनवाई के अधीन है, लेकिन यह नहीं बताया गया कि यह सुनवाई कब होगी।
प्रधानमंत्री कार्यालय की ओर से तत्काल कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है। नेतन्याहू वर्तमान में 21 महीने से जारी ग़ाज़ा युद्ध को लेकर घरेलू दबाव में हैं और उनकी सरकार पर विभिन्न घोटालों के आरोप भी लगे हैं।
क़तरगेट मामले में, उरिच और फेल्डस्टीन पर कतर — जिसे कई इज़राइली हमास का समर्थक मानते हैं — से धन लेकर देश में उसकी छवि सुधारने का संदेह है। हालांकि ग़ाज़ा में संघर्षविराम वार्ताओं का एक प्रमुख मध्यस्थ कतर हमास का समर्थन करने के आरोपों से इनकार करता है।
नेतन्याहू ने इस मामले में पुलिस को बयान दिया है, लेकिन वह खुद मामले में संदिग्ध नहीं हैं। उन्होंने इस प्रकरण को बेबुनियाद बताया है और दावा किया है कि यह उनकी सरकार को गिराने की साज़िश है।
भ्रष्टाचार के एक पुराने मामले में भी मुकदमे का सामना कर रहे नेतन्याहू पर गाज़ा में 21 महीने से जारी युद्ध को लेकर गहरा दबाव है।
एपी
मनीषा
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