कोलकाता, 14 जुलाई (भाषा) पश्चिम बंगाल में उच्चतम न्यायालय के आदेश के बाद नौकरी गंवाने वाले शिक्षकों द्वारा बहाली की मांग को लेकर प्रस्तावित विरोध मार्च के मद्देनज़र सोमवार को हावड़ा स्थित राज्य सचिवालय ‘नबन्ना’ के आसपास कड़ी सुरक्षा व्यवस्था की गई है। पुलिस के एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने यह जानकारी दी।
हालांकि ‘योग्य शिक्षक अधिकार मंच’ के मार्च के मार्ग को अभी अंतिम रूप नहीं दिया गया है, लेकिन हावड़ा सिटी पुलिस ने कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए नबन्ना के प्रमुख प्रवेश मार्गों पर वरिष्ठ अधिकारियों को तैनात किया है।
अधिकारी ने कहा, ‘हम दैनिक जीवन में किसी भी बड़े व्यवधान को रोकने और स्थिति को नियंत्रण में रखने पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं। प्रदर्शनकारियों को राज्य सचिवालय की ओर बढ़ने से रोकने के लिए हावड़ा में चार महत्वपूर्ण स्थानों पर लोहे के अवरोधक लगाए गए हैं।’
उन्होंने बताया कि जीटी रोड पर बंगबाशी क्रॉसिंग, फोरशोर रोड पर रामकृष्णपुर घाट गेट, काजीपारा क्रॉसिंग और सतरागाछी क्रॉसिंग पर धातु के ऊंचे अवरोधक लगाए गए हैं।
उन्होंने कहा, ‘नबन्ना के आसपास निषेधाज्ञा लागू है और इलाके में लोगों को इकट्ठा होने की अनुमति नहीं है। नियोजित विरोध मार्च के मद्देनजर अतिरिक्त सुरक्षा व्यवस्था की गई है।’
विभिन्न आयुक्तालयों से लगभग 2,000 पुलिसकर्मियों को हावड़ा में तैनात किया गया है।
त्वरित कार्रवाई बल (आरएएफ) के जवानों को भी रणनीतिक स्थानों पर तैनात किया गया है, जबकि अवरोधकों को लांघने के किसी भी प्रयास को रोकने के लिए पानी की बौछार करने वाले वाहनों को तैनात किया गया है।
मंच ने मांग की कि राज्य सरकार ओएमआर शीट के अलावा बेदाग प्रमाणित शिक्षकों की सूची भी प्रकाशित करे तथा पात्र शिक्षकों की नौकरी बहाल करे।
मंच के प्रवक्ता चिन्मय मंडल ने कहा कि पुलिस कार्रवाई की धमकी के बावजूद वे विरोध मार्च निकालने के लिए दृढ़ हैं।
उन्होंने कहा, ‘यह हमारा लोकतांत्रिक अधिकार है। हम चाहते हैं कि राज्य सरकार हमारी मांगें पूरी करे।’
हावड़ा स्टेशन पर एकत्रित होने वाले शिक्षक, राज्य शिक्षा विभाग के मुख्यालय विकास भवन पर पहले किए गए प्रदर्शनों के बाद, पिछले 68 दिनों से साल्ट लेक में सेंट्रल पार्क के पास प्रदर्शन कर रहे हैं।
उच्चतम न्यायालय ने तीन अप्रैल को कलकत्ता उच्च न्यायालय के 2024 के फैसले को बरकरार रखा, जिसमें 2016 में एसएससी द्वारा भर्ती अभियान के माध्यम से नियुक्त 25,753 शिक्षण और गैर-शिक्षण कर्मचारियों की भर्ती को रद्द कर दिया गया था और पूरी चयन प्रक्रिया को त्रुटिपूर्ण करार दिया था।
भाषा
योगेश नरेश
नरेश