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Monday, July 14, 2025

राष्ट्रीय खेल शासन विधेयक मानसून सत्र में पेश किया जाएगा: मांडविया

Newsराष्ट्रीय खेल शासन विधेयक मानसून सत्र में पेश किया जाएगा: मांडविया

नयी दिल्ली, 14 जुलाई (भाषा) खेल मंत्री मनसुख मांडविया ने सोमवार को कहा कि राष्ट्रीय खेल शासन विधेयक 21 जुलाई से शुरू हो रहे संसद के मानसून सत्र के दौरान पेश किया जाएगा।

मांडविया ने युवा मामलों के विभाग की नशा के खिलाफ पहल शुरू करने के लिए आयोजित कार्यक्रम के इतर मीडिया से बातचीत में सरकार के इस रुख को भी दोहराया कि बहुपक्षीय खेल आयोजनों के लिए पाकिस्तान के खिलाड़ियों को भारत आने से नहीं रोका जाएगा।

मांडविया ने कहा, ‘‘आगामी सत्र के दौरान यह विधेयक संसद में पेश किया जाएगा। मैं कुछ दिनों में इससे जुड़े और विवरण दूंगा।’’

यह विधेयक देश के खेल प्रशासकों के लिए अधिक जवाबदेही सुनिश्चित करना चाहता है, जिसमें एक नियामक बोर्ड का प्रावधान होगा। इस बोर्ड के पास राष्ट्रीय खेल संघों (एनएसएफ) को मान्यता देने और सुशासन से संबंधित प्रावधानों के पालन के आधार पर उन्हें धन आवंटित करने की शक्ति होगी।

यह बोर्ड उच्चतम शासन, वित्तीय और नैतिक मानकों के अनुपालन को सुनिश्चित करने के लिए भी जिम्मेदार होगा।

इसके साथ ही मसौदा खेल विधेयक में शासन में पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए आचार आयोगों और विवाद समाधान आयोगों की स्थापना का प्रस्ताव है।

नियामक बोर्ड के गठन को लेकर हालांकि विवाद चल रहा है और भारतीय ओलंपिक संघ (आईओए) ने भी इसका विरोध किया है। आईओए का मानना है कि नियामक बोर्ड के गठन से एनएफएस के लिए नोडल निकाय के रूप में उसकी स्थिति को कमजोर करेगा।

मांडविया ने सरकार के इस रुख को फिर से दोहराया है कि अप्रैल में पहलगाम आतंकवादी हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच संबंधों में आई गिरावट के बावजूद भारत में अंतरराष्ट्रीय खेल आयोजनों में पाकिस्तान की भागीदारी को रोका नहीं जाएगा।

अगले महीने होने वाला पुरुषों का एशिया कप हॉकी टूर्नामेंट (बिहार), नवंबर-दिसंबर में होने वाला एफआईएच जूनियर विश्व कप (तमिलनाडु) और सितंबर-अक्टूबर में होने वाला जूनियर निशानेबाजी विश्व कप (नयी दिल्ली) प्रमुख खेल आयोजन हैं जिनमें पाकिस्तान के खिलाड़ियों की भागीदारी अपेक्षित है।

खेल मंत्री ने कहा, ‘‘हमारा रुख स्पष्ट है। हमें किसी भी अंतरराष्ट्रीय खेल आयोजन में पाकिस्तान के साथ खेलने में कोई समस्या नहीं है, चाहे वह क्रिकेट हो, हॉकी हो या कोई अन्य खेल। लेकिन जब द्विपक्षीय मुकाबलों की बात आती है तो सरकार के रुख के बारे में सभी को पता है।’’

पाकिस्तान हॉकी महासंघ (पीएचएफ) ने भारत में होने वाले दो टूर्नामेंटों में अपनी भागीदारी के लिए अपनी सरकार से मंजूरी मांगी है अभी हालांकि यह स्पष्ट नहीं है कि उसे मंजूरी मिली है या नहीं।

मांडविया ने कहा, ‘‘ हमने पाकिस्तान को बता दिया है कि हम उन्हें एशिया कप और जूनियर हॉकी विश्व कप टूर्नामेंट के लिए वीजा देंगे। अब यह उनकी सरकार पर निर्भर करता है कि वे टीमें भेजते हैं या नहीं। हमें कोई समस्या नहीं है।’’

उन्होंने कहा, ‘‘दोनों अंतरराष्ट्रीय टूर्नामेंट हैं और भाग लेने वाली हर टीम के साथ समान व्यवहार किया जाएगा।’’

एशिया कप 27 अगस्त से सात सितंबर तक राजगीर में आयोजित किया जाएगा, जबकि जूनियर विश्व कप 28 नवंबर से 10 दिसंबर तक निर्धारित है।

पाकिस्तान को अनुमति देने का सरकार का निर्णय ओलंपिक चार्टर पर आधारित है जो राजनीतिक कारणों से किसी देश के खिलाड़ी की भागीदारी से इनकार को प्रतिबंधित करता है। यह मेजबान देश के लिए भविष्य में मेजबानी अधिकारों के निलंबन का कारण बन सकता है।

भारत वर्तमान में 2036 ओलंपिक खेल और 2030 राष्ट्रमंडल खेल की मेजबानी की दौड़ में है।

भाषा आनन्द पंत

पंत

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