जम्मू, 14 जुलाई (भाषा) भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) विधायक दल ने सोमवार को यहां सिविल सचिवालय और विधानसभा के बाहर विरोध प्रदर्शन किया और जम्मू-कश्मीर में नायब तहसीलदार भर्ती परीक्षा के लिए उर्दू को अनिवार्य भाषा बनाने संबंधी सरकारी आदेश को रद्द करने की मांग की।
भाजपा तीन हफ़्तों से ज़्यादा समय से जम्मू में इस कदम का विरोध कर रही है और ज़िला स्तर पर विरोध प्रदर्शन और रैलियां कर रही है। पार्टी ने चेतावनी दी है कि अगर आदेश वापस नहीं लिया गया तो वह पूरे क्षेत्र में आंदोलन शुरू करेगी। भाजपा के विधायक सुबह सिविल सचिवालय पहुंचे और धरना दिया तथा आदेश को भेदभावपूर्ण तथा जम्मू के युवाओं के हितों के लिए हानिकारक बताया।
धरने के दौरान भाजपा नेताओं ने तख्तियां थामी हुई थीं जिनमें जम्मू के युवाओं, डोगरा और केंद्र शासित प्रदेश की अन्य आधिकारिक भाषाओं के साथ अन्याय बताने वाली बातें लिखी थीं। उन्होंने नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता उमर अब्दुल्ला के खिलाफ नारे लगाए और उन पर क्षेत्र में अशांति पैदा करने की कोशिश करने का आरोप लगाया।
भाजपा विधायक और पूर्व मंत्री शाम लाल शर्मा ने कहा, ‘हम जम्मू-कश्मीर में नायब तहसीलदार परीक्षा के लिए उर्दू को अनिवार्य बनाने के फैसले के खिलाफ धरना दे रहे हैं। उर्दू को अनिवार्य करना हमें स्वीकार्य नहीं है।’
उन्होंने कहा, ‘कश्मीर-केंद्रित पार्टियां, खासकर नेशनल कॉन्फ्रेंस, दशकों से इस क्षेत्र के साथ भेदभाव करती रही हैं। यह इसका एक ताज़ा उदाहरण है।’
जम्मू और उसके लोगों के खिलाफ दशकों से चले आ रहे भेदभाव के लिए नेशनल कॉन्फ्रेंस सरकारों पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा, ‘हमने सोचा था कि 2019 के बाद उनका भेदभावपूर्ण दृष्टिकोण बदल गया है, लेकिन यह आज भी जारी है।’
उन्होंने आरोप लगाया कि इस तरह का आदेश जारी करना जम्मू के युवाओं को परीक्षा के माध्यम से नौकरी से वंचित करने का स्पष्ट प्रयास है। यह अन्य आधिकारिक भाषाओं के साथ भी भेदभाव करता है।
शर्मा ने कहा, ‘सरकार में ऐसे महत्वपूर्ण पदों के लिए उर्दू को अनिवार्य बनाकर, नेशनल कॉन्फ्रेंस के शासकों ने उन पूर्ववर्ती प्रावधानों को खारिज कर दिया है, जिनमें उर्दू भाषा जानना अनिवार्य नहीं था।’
उन्होंने कहा, ‘हम इसे रद्द करवाने के लिए विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। युवा पहले से ही सड़कों पर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। यह मामला उपराज्यपाल के संज्ञान में भी लाया गया है और उपायुक्तों के माध्यम से ज्ञापन भी सौंपे गए हैं, लेकिन अब तक कुछ नहीं हुआ है।’
शर्मा ने बताया कि इस मुद्दे पर भाजपा के 14 विधायकों ने मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला से भी मुलाकात की थी। उन्होंने कहा, “उनका रुख सकारात्मक रहा। फिर भी कोई कार्रवाई नहीं हुई है और कल इन पदों के लिए आवेदन करने की आखिरी तारीख है।’
उन्होंने कहा, ‘वे जम्मू में अशांति पैदा करने की कोशिश कर रहे हैं और हमें आंदोलन के लिए मजबूर कर रहे हैं। भाजपा के सभी 28 विधायकों ने आज दो घंटे के सांकेतिक धरने के साथ इसकी शुरुआत कर दी है।’
भाषा नोमान मनीषा
मनीषा