नयी दिल्ली, 14 जुलाई (भाषा) पत्रकारों के एक संगठन ने मीडिया द्वारा ‘‘सूत्रों’’ का इस्तेमाल किए जाने पर राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के नेता तेजस्वी यादव की अपमानजनक टिप्पणी की आलोचना की है और उनसे माफी की मांग की है।
नेशनल यूनियन ऑफ जर्नलिस्ट्स (इंडिया) के अध्यक्ष रास बिहारी ने एक बयान में बिहार में विपक्ष के नेता पर मीडिया के संबंध में ‘‘अनुचित टिप्पणी’’ करने का आरोप लगाया और कहा कि अगर यादव माफी नहीं मांगते हैं तो उनका संगठन राष्ट्रपति को ज्ञापन देगा।
पत्रकारों के एक अन्य संगठन ‘दिल्ली जर्नलिस्ट्स एसोसिएशन’ की भी यादव की टिप्पणी के बारे में यही राय है।
बिहार में पत्रकारों से बातचीत में यादव ने निर्वाचन आयोग के सूत्रों के उल्लेख का हवाला देकर प्रसारित कुछ खबरों को खारिज किया था। उन्होंने कहा, ‘‘हम ऐसे सूत्र को मूत्र के समान मानते हैं।’’ उन्होंने यह भी कहा कि ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के दौरान पाकिस्तानी शहरों पर भारतीय सेना के कब्ज़ा करने जैसी खबरें भी चलाई गईं थीं, जिनमें ‘‘सूत्रों’’ का हवाला दिया गया था।
राजद नेता से निर्वाचन आयोग के सूत्रों पर आधारित रिपोर्ट के बारे में पूछा गया था, जिसमें दावा किया गया था कि बिहार में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण अभियान में घर-घर जाकर सत्यापन के दौरान नेपाल, बांग्लादेश और म्यांमा से बड़ी संख्या में लोगों के नाम होने की बात सामने आई है।
विपक्ष ने जहां निर्वाचन आयोग के इस अभियान का कड़ा विरोध किया है, वहीं भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और उसके सहयोगी दलों ने इसका समर्थन करते हुए दावा किया है कि इसका उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि केवल पात्र मतदाता ही विधानसभा चुनावों में भाग ले सकें।
विपक्षी दलों ने आरोप लगाया है कि विशेष गहन पुनरीक्षण का उद्देश्य सत्तारूढ़ गठबंधन को लाभ पहुंचाने के लिए गरीब मतदाताओं को मताधिकार से वंचित करना है।
भाषा आशीष नेत्रपाल
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