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Monday, July 14, 2025

आत्मदाह की कोशिश करने वाली एफएम कॉलेज की छात्रा की हालत गंभीर, लेकिन स्थिर

Newsआत्मदाह की कोशिश करने वाली एफएम कॉलेज की छात्रा की हालत गंभीर, लेकिन स्थिर

भुवनेश्वर, 14 जुलाई (भाषा) एक शिक्षक द्वारा कथित तौर पर ‘‘यौन उत्पीड़न’’ किये जाने के मामले में न्याय न मिलने पर आत्मदाह करने वाली 20 वर्षीय कॉलेज छात्रा की हालत सोमवार को लगातार तीसरे दिन गंभीर बनी हुई है। यहां अस्पताल सूत्रों ने यह जानकारी दी।

भुवनेश्वर में अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) के अधीक्षक डॉ. दिलीप परिदा ने कॉलेज छात्रा की हालिया स्वास्थ्य स्थिति के बारे में पत्रकारों को जानकारी देते हुए बताया, ‘‘मरीज की हालत निश्चित तौर पर गंभीर, लेकिन स्थिर है। हम स्थिर इसलिए कह रहे हैं, क्योंकि उसकी स्वास्थ्य स्थिति वैसी ही बनी हुई है जैसी कि शनिवार शाम को अस्पताल में भर्ती कराए जाने के वक्त थी। हालांकि, स्वास्थ्य स्थिति में कोई सुधार नहीं आया है। अगले 72 घंटे बहुत अहम हैं।’’

डॉ. परिदा ने बताया कि रविवार रात डायलिसिस के बाद मरीज़ को पेशाब कम आया है। रविवार रात उसे बुखार था। उन्होंने कहा, ‘‘हालांकि, यह (पेशाब आना) एक सकारात्मक संकेत है, लेकिन हम यह नहीं कह सकते कि उसकी हालत में सुधार हुआ है। उसकी हालत अब भी गंभीर बनी हुई है।’’

बालासोर जिले की रहने वाली छात्रा के पिता ने कहा, ‘‘एम्स में अपनी बेटी को देखने के बाद मैं उसे पहचान नहीं पाया। मैं उसके पास एक मिनट भी नहीं रुक सका। उसके पूरे शरीर पर पट्टियाँ बंधी हैं। डॉक्टरों ने मुझे बताया कि कल रात ही डायलिसिस किया गया था। डॉक्टर अपनी पूरी कोशिश कर रहे हैं। उसका 95 प्रतिशत शरीर झुलस चुका है।’’

उन्होंने ओडिशा के सभी लोगों से अपील की है कि वे भगवान जगन्नाथ से उनकी बेटी के स्वस्थ होने की प्रार्थना करें।

उन्होंने यह अपील तब की है, जब चिकित्सकों ने पहले ही सूचित कर दिया है कि शनिवार शाम को भुवनेश्वर, एम्स में भर्ती होने के बाद से छात्रा की हालत में कोई सुधार नहीं हुआ है।

बालासोर के फकीर मोहन (स्वायत्त) कॉलेज में एकीकृत बीएड पाठ्यक्रम की द्वितीय वर्ष की छात्रा ने शनिवार दोपहर को अपने एक शिक्षक के खिलाफ दर्ज करायी यौन उत्पीड़न की शिकायत पर न्याय न मिलने के बाद खुद को आग लगा ली थी।

इस घटना में छात्रा गंभीर रूप से झुलस गयी है। पहले उसे बालासोर जिला मुख्यालय अस्पताल (डीएचएच) में भर्ती कराया गया था और फिर बेहतर इलाज के लिए एम्स, भुवनेश्वर में भर्ती कराया गया।

अस्पताल के अधिकारियों ने बताया कि शनिवार शाम से हालत में कोई सुधार नहीं दिख रहा है।

एम्स, भुवनेश्वर के कार्यकारी निदेशक डॉ. आशुतोष बिस्वास ने बताया कि आग और धुएं के कारण महिला के गुर्दे, श्वसन तंत्र और फेफड़े बुरी तरह प्रभावित हुए हैं।

उसका इलाज कर रहे डॉक्टर संजय गिरि ने बताया कि उन्होंने छात्रा का डायलिसिस शुरू कर दिया है। उन्होंने बताया कि एम्स, दिल्ली के विशेषज्ञों के परामर्श से इलाज किया जा रहा है।

अस्पताल के सूत्रों ने बताया कि मरीज का पोटैशियम स्तर खतरनाक रूप से कम हो गया है, जिसकी भरपाई के लिए उसे ज़रूरी विटामिन और सूक्ष्म पोषक तत्व दिए जा रहे हैं।

चिकित्सक ने कहा, ‘हम उसके रक्त में शर्करा के स्तर पर भी कड़ी नज़र रख रहे हैं। उसके आंतरिक अंगों पर गहरा असर पड़ा है। हम उसका बेहतर से बेहतर इलाज करने में जुटे हैं।’’

ओडिशा के मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी ने रविवार को अस्पताल में छात्रा का हालचाल जानने के बाद कहा था, “छात्रा की हालत गंभीर बनी हुई है। उसका दिल्ली स्थित एम्स जैसा ही इलाज किया जा रहा है। एक मेडिकल टीम का गठन किया गया है। उसकी हालत स्थिर होने के बाद सरकार उसे ‘एयरलिफ्ट’ करने पर विचार करेगी।”

विपक्ष के नेता नवीन पटनायक ने भी कहा, ‘‘मैं भगवान जगन्नाथ से उसके शीघ्र स्वस्थ होने की प्रार्थना करता हूं।’’

छात्र कांग्रेस के कार्यकर्ताओं ने यहां श्री राम मंदिर में दीप जलाकर महिला के स्वस्थ होने की कामना की। बालासोर जिले में कई संगठनों ने श्रावण मास के पहले सोमवार के अवसर पर विभिन्न शिव मंदिरों में जल चढ़ाया और कॉलेज छात्रा की सलामती की कामना की।

ओडिशा सरकार द्वारा गठित तीन सदस्यीय समिति ने घटना की जांच शुरू कर दी है।

एफएम कॉलेज के प्राचार्य दिलीप घोष और विभागाध्यक्ष समीर कुमार साहू को निलंबित कर दिया गया है। यौन उत्पीड़न मामले में मुख्य आरोपी साहू को शनिवार को गिरफ्तार भी कर लिया गया था।

भाषा

गोला दिलीप

दिलीप

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